Health Benefits of Onion in Hindi, प्याज के फायदे:
हमारी रसोई गुणों क़ी खान है ....I हल्दी हो या धनिया या बात करें काली मिर्च और अदरख क़ी सब एक से एक औषधीय गुणों से भरे पड़े हैं I अब प्याज को ही ले लीजिये शीतल प्रकृति क़ी यह औषधि गर्मी के मौसम के लिए अत्यंत उपयोगी है I जब आप गर्मी से हों परेशान तो प्याज ही एक मात्र ऐसी औषधि है ,जिसका सेवन आपको लू से बचाता है I कहते हैं "एक गाँठ प्याज क़ी जेब में रखना और लू से गर्मी में बचना" ..प्याज भोजन को केवल स्वादयुक्त ही नहीं बनाता है, अपितु यह अरुचि एवं मन्दाग्नि जैसी स्थितियों में भी काफी फायदेमंद हैI इतना ही नहीं प्याज पेट क़ी वायु को बाहर निकालकर अफारे (गैस बनना ) में फायदेमंद है। प्याज में यकृत (लीवर), स्प्लीन (तिल्ली) तथा पित्त को उद्दीपित करने के गुण पाए जाते हैं, अतः यह इन अंगों क़ी कार्यक्षमता को बढ़ा देता हैI आहार विशेषज्ञों एवं सेक्सुअल रोगों के विशेषज्ञों क़ी मानें तो प्याज भोजन में
रूचि को तो बढाता ही है, साथ ही सेक्सुअल दुर्बलता को दूर करने में भी काफी उपयोगी पाया जाता हैI सुखी एवं संतुष्ट वैवाहिक जीवन के लिए सम्भोग शक्ति का प्रबल होना भी एक आवश्यक पहलू है और इनकी प्राप्ति हेतु प्याज एक सरल उपाय हैI अतः यौन शक्ति के संवर्धन एवं संरक्षण के लिए प्याज एक सस्ता एवं सुलभ विकल्प है..! आइये अब आपको इसके कुछ औषधीय प्रयोगों क़ी जानकारी देते हैं :-
- सफ़ेद प्याज के रस को अदरख के रस के साथ मिलाकर शुद्ध शहद तथा देशी घी प्रत्येक क़ी पांच-पांच ग्राम क़ी मात्रा लेकर एक साथ मिलाकर सुबह नियम से एक माह तक सेवन करें और लाभ देखें इससे यौन क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि देखी जाती है I
-प्याज का रस और शहद बराबर मात्रा में मिलाकर एक शरबत जैसा गाढा द्रव्य प्राप्त करें ..अब इसे दस से पंद्रह ग्राम क़ी मात्रा में नियमित सेवन करें ...! यह योग आपको निश्चत ही यौन स्फूर्ति प्रदान करेगा !
-कामशक्ति को बढाने हेतु प्याज का एक और प्रयोग निम्नवत है :- लाल प्याज पचास ग्राम क़ी मात्रा में लेकर इसे देशी घी पचास ग्राम और ढाई सौ ग्राम दूध मिलाकर गर्म कर नियमित चाटना चाहिए ...शीत ऋतु में इस योग को नियमित रूप से दो से तीन बार लिया जाना चाहिएI गर्मीयों में इस योग सूर्योदय से पूर्व केवल एक बार करें तो बेहतर हैI
-जिन्हें शीघ्रपतन (प्री-मेच्युर इजेकुलेशन) क़ी समस्या है ,उन्हें ढाई ग्राम शहद एवं इतना ही प्याज का रस मिलाकर चाटना चाहिए ..I इस प्रयोग को शीत ऋतु में दो से तीन बार किया जाना चाहिए ...ध्यान रहे क़ि गर्मीयों में इस प्रयोग को सूर्योदय से पूर्व केवल एक बार ही किया जाय तो बेहतर है I
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