Tips to avoid cancer:
कैंसर रोग से बचने के लिए जैसे ही इसके लक्षण पता चले तुरन्त ही इसका इलाज शुरू कर देना चाहिए।कैंसर एक बहुत ज्यादा खतरनाक बीमारी है। यह शरीर के किसी भी भाग में एक गांठ के रूप में दिन-प्रतिदिन बढ़ने वाली बीमारी है।
जब किसी व्यक्ति को कैंसर रोग हो जाता है तो उस व्यक्ति के मलमूत्र की आदत में काफी अन्तर आ जाता है।
इस रोग के होने पर व्यक्ति को खांसी या गले में बार-बार घरघराहट होती रहती है।
रोगी के शरीर का वजन दिन-प्रतिदिन गिरने लगता है।
कैंसर रोग में स्त्रियों को मासिकधर्म में काफी अन्तर दिखाई देने लगता है तथा मासिकधर्म के बीच-बीच में रक्तस्राव भी होता है। कैंसर रोग होने पर रक्तस्राव तेज होने लगता है।
कैंसर रोग से पीड़ित रोगी को भूख कम लगने लगती है।
उसका घाव जल्दी ठीक नहीं होता है।
रोगी के स्तन या शरीर के किसी भाग में एक गांठ सी बन जाती है और यह गांठ दिन प्रतिदिन बढ़ने लगती है।
जब मलत्याग (शौच करना) करता है तो उसके मल से कुछ मात्रा में खून तथा मवाद भी निकलने लगता है।
त्वचा के रंग में कुछ परिवर्तन होने लगता है।
Tips to avoid cancer |
कैंसर रोग होने का कारण:-
कैंसर रोग होने का सबसे प्रमुख कारण दूषित भोजन का सेवन करना है।
धूम्रपान करने से या धूम्रपान करने वाले के संग रहने से कैंसर रोग हो सकता है।
गुटका, पान मसाला, गुटका, शराब तथा तम्बाकू का सेवन करने से कैंसर रोग हो सकता है।
अधिक (श्रम) कार्य करना तथा आराम की कमी के कारण भी कैंसर रोग हो सकता है।
बासी भोजन, सड़ी-गली चीजें तथा बहुत समय से फ्रिज में रखे भोजन को खाने से कैंसर रोग हो सकता है।
तेल, घी को कई बार गर्म करके सेवन करने से भी कैंसर रोग हो सकता है।
दांत, कान, आंख, मलद्वार, मूत्रद्वार तथा त्वचा की सफाई ठीक तरह से न करने के कारण भी कैंसर रोग हो सकता है।
बारीक आटा, चावल, मैदा तथा रिफाइंड का अधिक सेवन करने के कारण भी कैंसर रोग हो सकता है।
गंदे पानी का सेवन करने के कारण भी कैंसर रोग हो सकता है।
एल्युमिनियम तथा प्लास्टिक के बर्तनों में अधिक भोजन करने के कारण कैंसर रोग हो सकता है।
चीनी, नमक, चाय, कॉफी, डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ तथा मांस का भोजन में अधिक उपयोग करने के कारण भी कैंसर रोग हो सकता है।
तनाव, भय तथा अधिक चिंता करने के कारण कैंसर रोग हो सकता है।
बहुत अधिक औषधियों का सेवन तथा एक्स-रे कराने से कैंसर रोग हो सकता है।
अप्राकृतिक तथा बिना रेशेदार भोजन का सेवन करने के कारण भी कैंसर रोग हो सकता है।
बहुत अधिक मिलावटी खाद्य पदार्थ (वह खाद्य पदार्थ जिसमें कंकड़, मिट्टी, तथा अन्य चींजे मिली हुई) का भोजन में सेवन करने के कारण भी कैंसर रोग हो जाता है।
भोजन में तेल मसालों का अधिक सेवन करने के कारण भी कैंसर रोग हो सकता है।
गलत तरीके से भोजन बनाने तथा खाने से भी कैंसर रोग हो सकता है।
रासायनिक पदार्थों तथा रंगों का प्रयोग करने से कैंसर रोग हो सकता है।
कृत्रिम व तंग वस्त्रों का अधिक प्रयोग करने के कारण कैंसर रोग हो सकता है।
अधिक खाना खाने से भी कैंसर रोग हो सकता है।
पेट में कब्ज बनने के कारण भी कैंसर रोग हो सकता है।
शरीर में विटामिन `ए´ तथा `सी´ की कमी हो जाने के कारण भी कैंसर रोग हो सकता है।
कैंसर रोग का प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार:-
कैंसर रोग से पीड़ित रोगी का उपचार करने के लिए सबसे पहले उसके शरीर पर स्थानीय उपचार करने के साथ-साथ पूरे शरीर का उपचार करना चाहिए ताकि उसका शरीर दोषमुक्त हो सके।
कैंसर रोग का उपचार करने के लिए रोगी व्यक्ति को नींबू के रस का पानी पीकर उपवास रखना चाहिए और इसके बाद कुछ दिनों तक केवल अंगूर का रस पीना चाहिए।
कैंसर रोग से पीड़ित रोगी यदि 6 महीने तक अंगूर का रस लगतार पीए तो उसे बहुत अधिक लाभ होता है।
इस रोग को ठीक करने के लिए कई प्रकार के फलों के रस हैं जिसे पीकर कुछ दिनों तक उपवास रखे तो कैंसर रोग ठीक हो सकता है ये रस इस प्रकार हैं- संतरे का रस, नारियल पानी, अनन्नास का रस, गाजर का रस, तुलसी के पत्तों का रस, दूब का रस, गेहूं के ज्वारे का रस, पालक का रस, टमाटर का रस, पत्तागोभी का रस, पुदीने का रस, खीरे का रस, लौकी का रस, पेठे का रस तथा हरी सब्जियों का रस।
इस रोग से पीड़ित रोगी को भोजन में बिना पके हुए खाद्य-पदार्थों का सेवन करना चाहिए जैसे-हरी सब्जियां, कच्चा नारियल पानी, अंकुरित अन्न, भीगी हुई किशमिश, मुनक्का, अंजीर तथा सभी प्रकार के मौसम के ताजा फल आदि।
कैंसर रोग से पीड़ित रोगी यदि प्रतिदिन 1 ग्राम हल्दी खाए तो उसका यह रोग ठीक हो जाता है।
1 चम्मच तुलसी का रस तथा 1 चम्मच शहद को सुबह के समय चाटने से कैंसर रोग जल्दी ही ठीक हो जाता है।
नीम तथा तुलसी के 5-5 पत्ते प्रतिदिन खाने से कैंसर रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।
गले के कैंसर को ठीक करने के लिए छोटी हरड़ का टुकड़ा दिन में 2 बार भोजन करने के बाद चूसने से बहुत अधिक लाभ मिलता है।
पेट पर गर्म ठण्डा सेंक करने के बाद मिट्टी की पट्टी करें तथा इसके बाद एनिमा क्रिया करें इससे कैंसर रोग में बहुत अधिक लाभ मिलता है। इस प्रकार से रोगी का उपचार करने के बाद रोगी को 5-10 मिनट तक कटिस्नान करना चाहिए। फिर सप्ताह में 2 बार शरीर की चादर लपेट तथा सप्ताह में एक बार पूरे शरीर पर भाप से स्नान करना चाहिए। इस प्रकार से रोगी व्यक्ति यदि अपना उपचार कुछ दिनों तक करता है तो कैंसर रोग ठीक होने लगता है।
कैंसर रोग से पीड़ित रोगी को थोड़े समय के लिए प्रतिदिन नंगे बदन धूप में अपने शरीर की सिंकाई करनी चाहिए। इससे रोगी को बहुत अधिक लाभ मिलता है और उसका रोग ठीक होने लगता है।
रोगी के जिस अंग पर सूजन तथा दर्द हो रहा हो उस पर बर्फ के पानी की ठंडी पट्टी रखने से बहुत अधिक लाभ मिलता है।
कैंसर रोग से पीड़ित रोगी को खुली हवा में विश्राम करना चाहिए तथा मानसिक चिंता-फिक्र को दूर करना चाहिए।
गो-मूत्र का सेवन करने से कैंसर रोग जल्दी ही ठीक हो जाता है।
कैंसर रोग से पीड़ित रोगी के लिए कुछ परहेज:-
इस रोग से पीड़ित रोगी को भूख से अधिक और गरम खाना नहीं खाना चाहिए।
इस रोग से पीड़ित रोगी को मांस नहीं खाना चाहिए।
भोजन को अधिक स्वादिष्ट बनाने के लिए उसमें तेज मसालों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
भोजन में सुगन्ध वाले पदार्थों का अधिक सेवन नहीं करना चाहिए।
इस रोग से पीड़ित रोगी को बहुत कम पानी पीना चाहिए।
रोगी व्यक्ति को चीनी अधिक का सेवन नहीं करना चाहिए।
कैंसर के रोगी को तम्बाकू, शराब, धूम्रपान तथा नशीली चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
रोगी को चाय, कॉफी का सेवन बहुत ही कम मात्रा में करना चाहिए।
पेशाब तथा मल के वेग को नहीं रोकना चाहिए।
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