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Monday 14 September 2015

बच्चों के दांतों की कैविटी को ना करें नजरअंदाज, Do not underestimate the children's teeth cavity

क्या आपको लगता है कि आपका बच्चा डेंटिस्ट के पास जाने के लिए अभी बहुत छोटा है? छोटे बच्चों के दांतों में होने वाला क्षय दांतों की गंभीर समस्या होती है जो छह साल या उससे कम उम्र के बच्चों को हो सकती है। कई बार बच्चों में दांतों के क्षय होने की प्रक्रिया दांतों के निकलने के कुछ समय बाद ही होने लगती है। यह समस्या तेजी से बढ़ती है और इससे दांतों पर गंभीर असर दिखता है।
बच्चों के प्रायमरी दांत भी हैं उतने ही जरूरी: परमानेंट दांतों को चाहिए पर्याप्त जगह : प्राकृतिक रूप से बच्चों के दांत अपने आप गिर जाते हैं और उस स्थान पर परमानेंट दांत अपनी जगह बनाते हैं। यदि दांत समय से पूर्व गिर जाएं तो परमानेंट दांत को निकलने के लिए पर्याप्त स्थान नहीं मिल पाएगा। वैसे ऐसी स्थिति होने पर डेंटिस्ट के पास विकल्प मौजूद होता है।

इन्फेक्शन फैल सकता : यदि बच्चों के दांत डैमेज हो जाते हैं तो वे प्रायमरी दांतों तक ही सीमित नहीं रह जाते हैं। जब कैविटी पल्प यानी नर्व तक पहुंच जाती है तो वह रक्तधाराओं में पहुंच जाता है और शरीर के अन्य हिस्सों में इन्फेक्शन फैला सकते हैं। इन्फेक्शन के कारण गालों वाले हिस्से में सूजन हो सकती है या कई बार गंभीर स्थितियों में मस्तिष्क तक पहुंच सकता है। प्रायमरी दांतों में इन्फेक्शन के कारण दांतों के अंदर पल्प तक इन्फेक्शन पहुंच सकता है और परमानेंट दांतों के होने में भी परेशानी हो सकती है।
आत्मविश्वास कम हो जाता है : बच्चों में सामान्यतौर पर सामने वाले दांतों में कैविटी लगती है। इससे बच्चे लोगों से मिलने-जुलने में कतराते हैं और हंसना भी कम कर देते हैं।
वजन कम होने लगता है : दांतों में कैविटी के कारण जो दर्द होता है उससे वो ऐसी चीजें खाने से कतराने लगते हैं जिन्हें अधिक चबाना पड़ता है। ऐसे में उनका वजन तेजी से कम होने लगता है और पोषक तत्वों की कमी होने लगती है। इससे बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास पर बुरा प्रभाव पड़ने लगता है।
बच्चों को सिखाएं बेहतर ओरल हाइजीन
छोटे बच्चों को दांतों की सही देखभाल की ट्रेनिंग देना अधिक आसान है। परमानेंट दांतों के आने से पहले ही बच्चों को दांतों की सही साफ-सफाई के बारे में बताएं ताकि आगे चलकर उनके परमानेंट दांतों में किसी प्रकार की परेशानी ना आए।
इस तरह बचाएं बच्चों को कैविटी से
मुंह की सही साफ-सफाई का ध्यान रखें ।
फीड कराने के बाद हर बार साफ व मुलायम कपड़े से बच्चों के दांतों को साफ करें।
कपड़े को गर्म पानी से गीला करें।
12 से 14 महीने का हो जाने पर शिशुओं को बोतल की जगह कप से दूध पीने के लिए प्रोत्साहित करें।
बच्चे के पहले दांत के निकलने के छह महीने के अंदर पैडोडेंटिस्ट के पास चेकअप के लिए जाएं।

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