Why should the right-hand food? Learn why
कहा जाता है कि भोजन हमेशा दाएं हाथ से ही ग्रहण करना चाहिए। इसका क्या कारण है? शास्त्रों के अनुसार, मनुष्य के दाएं और बाएं अंगों का विशेष महत्व है।
बाएं हाथ से भोजन ग्रहण करने का निषेध इसलिए है क्योंकि शिव ने शरीर के दाएं और बाएं भागों को अलग-अलग कार्यों के लिए निर्धारित किया है।
दायां भाग नारी का प्रतिनिधित्व करता है और बायां पुरुष का। हवन हमेशा दाएं हाथ से किया जाता है जिससे पवित्र अग्नि को सामग्री अर्पित की जाती है।
हमारे पेट में भी उसी अग्नि का सूक्ष्म रूप विराजमान है और भोजन भी यज्ञ का ही एक रूप है। जब हम भोजन ग्रहण करते हैं तो वह उस अग्नि को प्राप्त होता है जिससे हमें जीवन के लिए शक्ति मिलती है।
अतः यज्ञ सामग्री के समान ही भोजन को भी दाएं हाथ से ग्रहण करना चाहिए। इसके अलावा दायां भाग सूर्य का प्रतिनिधित्व करता है और बायां चंद्रमा का।
चंद्रमा शरीर को शीतलता देता है और सूर्य शक्ति। दोनों का संतुलन शरीर को स्वस्थ रखता है। अतः दाएं हाथ से किया गया भोजन शरीर की अग्नि को संतुलित रखने में मदद करता है।
बाएं हाथ से भोजन करने पर शरीर में ग्रहों से संबंधित दोष उत्पन्न हो जाते हैं। अतः भोजन सदैव दाएं हाथ से करना चाहिए।
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