कब्ज रोग का प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार:
सामग्री (1) हरड 50 gm (2) सूखा आवला 50 gm (3) बहेड़ा 50 gm (4) काली हरड 100 gm (5) एरंड तेल 50 gm (6) मुलहठी 50 gm
निर्माण विधि (1) केवल काली हरड को एरंड तेल में हलकी आंच पर ठीक से भूनकर पीस लें
(2) अब बाकी बचे हरड, सूखा आवंला, बहेड़ा, मुलहठी को अलग से पीस लें और इसमें भूनी हुई काली हरड का पाउडर मिला कर कांच के बर्तन में रख ले
सेवन विधि (1) वयस्क 1 छोटा चम्मच चम्मच रात को सोते समय दूध से ले। ऐसे लोग जिन्हें दूध मना हो वो गुनगुने पानी से लें. अत्यंत वृद्ध व्यक्ति भी ले सकते हैं
(2) 5 वर्ष से ऊपर के बच्चों को चौथाई से आधा छोटा चम्मच तक अवस्थानुसार दे सकते हैं...5 वर्ष से कम आयु के बच्चों को न दें
लाभ --------- यह औषधि कब्ज में तो लाभ करेगी ही यह एक रसायन भी है नियमित रूप से लेने से .आँखों की रौशनी भी अच्छी रहती है असमय सफेद होने वाले बालों से छुटकारा मिलता है.
यह औषधि निरापद है यदि लगातार लिया जाए तो भी कोई हानि नही है इसकी आदत नहीं पड़ती है
बाजार में उपलब्ध पेट साफ़ करने वाले चूर्ण गोलियों आदि में सनाय होने के कारण पेट में मरोड़ होती है आँतों की स्वाभाविक गतिविधियों पर असर होता है जो दीर्घकाल में हानिप्रद सिद्ध होता है
सावधानी -- कब्ज स्वयं कोई रोग नहीं अपितु रोगों का लक्षण है .. यदि साधारण उपाय करने पर भी यह ठीक न हो या कब्ज के साथ अन्य लक्षण जैसे दर्द पेट में कडापन आदि भी हों तो चिकित्सक से व्यक्तिगत रूप से अवश्य मिलना चाहिए.
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