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20 मिनट मे गोरी त्वचा पाने के घरेलू उपाय

Tuesday 22 September 2015

शरीर को ताकतवर बनाये, How to Get a Healthy and Strong Body, 10 Ways to Build a Powerful Grip | Men's Fitness

जिस तरह मोटापा एक परेशानी है। ठीक वैसे ही अधिक दुबलापन या कमजोरी भी कई लोगों के लिए समस्या का कारण बन जाता है। ऐसे में कई बार सुडौल शरीर न होने के कारण आत्मविश्वास में कमी महसूस होने लगती है। 

5 Simple Yet Powerful Ways to Take Care of Your Body:

1- नाश्ते में सुबह आलू के दो पराठें के साथ लगभग 50 ग्राम दही का सेवन करें, यह ऊर्जा का अच्छा स्रोत है। 

2- 40 ग्राम मूँगफली के दाने सेंककर, 10 ग्राम गुड़ के साथ चबा-चबाकर नाश्ते के तौर पर सेवन करें, ये ऊर्जा का पर्याप्त भण्डार है।

3- रोजाना 10-12 गिलास पानी पीना चाहिए, साथ ही नाश्ते के रूप में ऐसे पदार्थ लें, जिसमें प्रत्येक से 200 कैलोरी प्राप्त हो।
4- नाश्ते में अंकुरित अनाज लें। चोकर से बना केक खाएं क्योंकि चोकर मेग्नेशियम व अन्य पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं।
5- सोते समय एक गिलास मीठे गुनगुने गर्म दूध में एक चम्मच शुद्ध घी डालकर पीना चाहिए।
6- 2 चम्मच प्याज का रस, 1 चम्मच शहद, चौथाई चम्मच घी मिलाकर सेवन करने से ताकत बढ़ती है।
7- सफेद मूसली या धोली मूसली का चूर्ण बनाकर। एक चम्मच चूर्ण और एक चम्मच पिसी मिश्री मिलाकर। सुबह व रात को सोने से पहले गुनगुने दूध के साथ एक चम्मच मात्रा में लेने से कमजोरी दूर हो जाती है।
8-दूध की मलाई तथा पिसी मिश्री जरूरत के अनुसार मिलाकर खाना चाहिए, यह अत्यंत शक्तिवर्धक है।
9- छाछ से निकाला गया ताजा माखन तथा मिश्री मिलाकर खाना चाहिए।
10- बादाम को पत्थर पर घिसकर दूध में मिलाकर पीना चाहिए, इससे बल मिलता है।

मोटापा घटाने के लिए कुछ आयुर्वेदिक उपाय :: Top 10 Home Remedies for Obesity & Weight Loss, 11 Amazing Herbal Remedies for Weight Loss

लोग जादुई फार्मूला ढूढ़ रहे है मोटापे का:


गेहूं ,चावल,बाजरा और साबुत मूंग को समान मात्रा में लेकर सेककर इसका दलिया बना लें ! इस दलिये में अजवायन २० ग्राम तथा सफ़ेद तिल ५० ग्राम भी मिला दें ! ५० ग्राम दलिये को ४०० मि.ली.पानी में पकाएं ! स्वादानुसार सब्जियां और हल्का नमक मिला लें ! नियमित रूप से एक महीनें तक इस दलिये के सेवन से मोटापा और मधुमेह में आश्चर्यजनक लाभ होता है.

11 Amazing Herbal Remedies for Weight Loss:


* अश्वगंधा के एक पत्ते को हाथ से मसलकर गोली बनाकर प्रतिदिन सुबह,दोपहर,शाम को भोजन से एक घंटा पहले या खाली पेट जल के साथ निगल लें ! एक सप्ताह के नियमित सेवन के साथ फल,सब्जियों,दूध,छाछ और जूस पर रहते हुए कई किलो वजन कम किया जा सकता है !
* मूली के रस में थोडा नमक और निम्बू का रस मिलाकर नियमित रूप से पीने से मोटापा कम हो जाता है और शरीर सुडौल हो जाता है .
* आहार में गेहूं के आटे और मैदा से बने सभी व्यंजनों का सेवन एक माह तक बिलकुल बंद रखें तथा इसमें रोटी भी शामिल है अब अपना पेट पहले के ४-६ दिन तक केवल दाल,सब्जियां और मौसमी फल खाकर ही भरें और दालों में आप सिर्फ छिलके वाली मूंग कि दाल ,अरहर या मसूर कि दाल ही ले सकतें हैं चनें या उडद कि दाल नहीं तथा सब्जियों में जो इच्छा करें वही ले सकते हैं गाजर,मूली,ककड़ी,पालक,पतागोभी,पके टमाटर और हरी मिर्च लेकर सलाद बना लें . सलाद पर मनचाही मात्रा में कालीमिर्च,सैंधा नमक,जीरा बुरककर और निम्बू निचोड़ कर खाएं बस गेहूं कि बनी रोटी छोडकर दाल,सब्जी,सलाद और एक गिलास छाछ का भोजन करते हुए घूंट घूंट करके पीते हुए पेट भरना चाहिए . इसमें मात्रा ज्यादा भी हो जाए तो चिंता कि कोई बात नहीं . इस प्रकार ६-७ दिन तक खाते रहें . इसके बाद गेहूं कि बनी रोटी कि जगह चना और जौ के बने आटे कि रोटी खाना शुरू करें फिर ५ किलो देशी चना और एक किलो जौ को मिलकर साफ़ करके पिसवा लें ! ६-७ दिन तक इस आटे से बनी रोटी आधी मात्रा में और आधी मात्रा में दाल,सब्जी,सलाद और छाछ लेना शुरू करें .एक महीने बाद गेहूं कि रोटी खाना शुरू कर सकते हैं लेकिन शुरुआत एक रोटी से करते हुए धीरे धीरे बढाते जाएँ . भादों के महीने में छाछ का प्रयोग नहीं किया जाता है इसलिए इस महीनें में छाछ का प्रयोग नां करें ...



वजन कम करने के ये हैं कुछ खास आयुर्वेदिक तरीके:


* एरण्ड की जड़ का काढ़ा बनाकर उसको छानकर एक एक चम्मच की मात्रा में शहद के साथ दिन में तीन बार नियमित सेवन करने से मोटापा दूर होता है ..
* चित्रक कि जड़ का चूर्ण एक ग्राम की मात्रा में शहद के साथ सुबह शाम नियमित रूप से सेवन करने और खानपान का परहेज करनें से भी मोटापा दूर किया जा सकता है .
* बिना बुझा चूना 15 ग्राम पीसकर 250 ग्राम देशी घी में मिलाकर कपड़े में छानकर सुबह-शाम 6-6 ग्राम की मात्रा में चाटने से मोटापा कम होता है।
* सहजन के पेड़ के पत्ते का रस 3 चम्मच की मात्रा में प्रतिदिन सेवन करने से त्वचा का ढीलापन दूर होता है और चर्बी की अधिकता कम होती है।
* अर्जुन के 2 ग्राम चूर्ण को अग्निमथ के काढ़े में मिलाकर पीने से मोटापा दूर होता है।
* भृंगराज के पेड़ के ताजे पत्ते का रस 5 ग्राम की मात्रा में सुबह पानी के साथ प्रयोग करने से मोटापा कम होता है।
* 120 से 240 ग्राम शहद 100 से 200 मिलीलीटर गुनगुना पानी के साथ दिन में 3 बार लेने से शरीर का थुलथुलापन दूर होता है।
* विडंग के बीज का चूर्ण 1 से 3 ग्राम शहद के साथ दिन में 2 बार सेवन करने से मोटापा में लाभ मिलता है।
वायविंडग, सोंठ, जवाक्षार, कांतिसार, जौ और आंवले का चूर्ण शहद में मिलाकर सेवन करने से मोटापा में दूर होता है।

* तुलसी के कोमल और ताजे पत्ते को पीसकर दही के साथ बच्चे को सेवन कराने से अधिक चर्बी बनना कम होता है। तुलसी के पत्तों के 10 ग्राम रस को 100 ग्राम पानी में मिलाकर पीने से शरीर का ढीलापन व अधिक चर्बी नष्ट होती है।तथा तुलसी के पत्तों का रस 10 बूंद और शहद 2 चम्मच को 1 गिलास पानी में मिलाकर कुछ दिनों तक सेवन करने से मोटापा कम होता है।
* रात को सोने से पहले त्रिफला का चूर्ण 15 ग्राम की मात्रा में हल्के गर्म पानी में भिगोकर रख दें और सुबह इस पानी को छानकर शहद मिलाकर कुछ दिनों तक सेवन करें। इससे मोटापा जल्दी दूर होता है। त्रिफला, त्रिकुटा, चित्रक, नागरमोथा और वायविंडग को मिलाकर काढ़ा में गुगुल को डालकर सेवन करें। त्रिफले का चूर्ण शहद के साथ 10 ग्राम की मात्रा में दिन में 2 बार (सुबह और शाम) पीने से लाभ होता है।
* हरड़ 500 ग्राम, 500 ग्राम सेंधानमक व 250 ग्राम कालानमक को पीसकर इसमें 20 ग्राम ग्वारपाठे का रस मिलाकर अच्छी तरह मिलाकर सूखा लें। यह 3 ग्राम की मात्रा में रात को गर्म पानी के साथ प्रतिदिन सेवन करने से मोटापे के रोग में लाभ मिलता है।
* सोंठ, जवाखार, कांतिसार, जौ और आंवला बराबर मात्रा में लेकर पीसकर छान लें और इसमें शहद मिलाकर पीएं। इससे मोटापे की बीमारी समाप्त हो जाती है।
* सोंठ, कालीमिर्च, छोटी पीपल, चव्य, सफेद जीरा, हींग, कालानमक और चीता बराबर मात्रा में लेकर अच्छी तरह से पीसकर चूर्ण बना लें। यह चूर्ण सुबह 6 ग्राम चूर्ण में गर्म पानी के साथ पीने से मोटापा कम होता है।
* गिलोय, हरड़, बहेड़ा और आंवला मिलाकर काढ़ा बनाकर इसमें शुद्ध शिलाजीत मिलाकर खाने से मोटापा दूर होता है और पेट व कमर की अधिक चर्बी कम होती है।
* गिलोय 3 ग्राम और त्रिफला 3 ग्राम को कूटकर चूर्ण बना लें और यह सुबह-शाम शहद के साथ चाटने से मोटापा कम होता है।
* गिलोय, हरड़ और नागरमोथा बराबर मात्रा में मिलाकर चूर्ण बना लें। यह 1-1 चम्मच चूर्ण शहद के साथ दिन में 3 बार लेने से त्वचा का लटकना व अधिक चर्बी कम होता है।
* गुग्गुल, त्रिकुट, त्रिफला और कालीमिर्च बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें और इस चूर्ण को अच्छी तरह एरण्ड के तेल में घोटकर रख लें। यह चूर्ण 3 ग्राम की मात्रा में सेवन करने से मोटापा की बीमारी ठीक होती है।
* तिल के तेल से प्रतिदिन मालिश करने से शरीर पर बनी हुई अधिक चर्बी कम होती है।
* दही को खाने से मोटापा कम होता है।तथा छाछ में कालानमक और अजवायन मिलाकर पीने से मोटापा कम होता है।
* आलू को उबालकर गर्म रेत में सेंकर खाने से मोटापा दूर होता है।
* 100 ग्राम कुल्थी की दाल प्रतिदिन सेवन करने से चर्बी कम होती है।
* 4 पीपल पीसकर आधा चम्मच शहद मिलाकर सेवन करने से मोटापा कम होता है।
* पालक के 25 ग्राम रस में गाजर का 50 ग्राम रस मिलाकर पीने से शरीर का फैट (चर्बी) समाप्त होती है। 50 ग्राम पालक के रस में 15 ग्राम नींबू का रस मिलाकर पीने से मोटापा समाप्त होता है।
* डिकामाली (एक तरह का गोंद) लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग की मात्रा में गर्म पानी के साथ मिलाकर सुबह-शाम पीने से मोटापा कम होता है।
* एरण्ड की जड़ का काढ़ा बनाकर 1-1 चम्मच की मात्रा में शहद के साथ दिन में 2 बार सेवन करने से मोटापा दूर होता है।तथा एरण्ड के पत्तों का रस हींग मिलाकर पीने और ऊपर से पका हुआ चावल खाने से अधिक चर्बी नष्ट होती है। एरंड को अंडी भी कहा जाता है ..
* पिप्पली का चूर्ण लगभग आधा ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम शहद के साथ प्रतिदिन 1 महीने तक सेवन करने से मोटापा समाप्त होता है।
* पीप्पल 150 ग्राम और सेंधानमक 30 ग्राम को अच्छी तरह पीसकर कूटकर 21 खुराक बना लें। यह दिन में एक बार सुबह खाली पेट छाछ के साथ सेवन करें। इससे वायु के कारण पेट की बढ़ी हुई चर्बी कम होती है।
* पिप्पली के 1 से 2 दाने दूध में देर तक उबाल लें और दूध से पिप्पली निकालकर खा लें और ऊपर से दूध पी लें। इससे मोटापा कम होता है।
* जवाखार 35 ग्राम और चित्रकमूल 175 ग्राम को अच्छी तरह पीसकर चूर्ण बना लें। यह 5 ग्राम चूर्ण एक नींबू का रस, शहद और 250 ग्राम गुनगुने पानी में मिलाकर सुबह खाली पेट लगातार 40 दिनों तक पीएं। इससे शरीर की फालतू चर्बी समाप्त हो जाती है और शरीर सुडौल होता है। या फिर जौखार का चूर्ण आधा-आधा ग्राम दिन में 3 बार पानी के साथ सेवन करने से मोटापा दूर होता है।
* चित्रक की जड़ का बारीक चूर्ण शहद के साथ सेवन करने से पेट की बीमारियां और मोटापा समाप्त होता है।
* प्रतिदिन अनन्नास खाने से स्थूलता नष्ट होती है क्योंकि अनन्नास चर्बी को नष्ट करता है।
* मोटापा कम करेगी यह स्पेशल चाय एक चम्मच सूखा अदरक पाउडर, आधा चम्मच धनिया पाउडर, दो चम्मच गुड़, आधा चम्मच सौंफ, एक टी बैग और एक कप पानी। सौंफ को दो मिनट पानी में उबालिए और गर्म पानी में 1 मिनट के लिए टी बैग डालें। इससे फ्लेवर आ जाएगा। और चाय का स्वाद भी कुछ बदल जाएगा जो पीने में अच्छा लगेगा। आखिर में सारे पदार्थ इसमें मिला दें और गुड़ मिलाकर इसे घोलें। जब गुड़ मिल जाए तो स्वाद के साथ पीएं।
* सबसे पहले मोटापे से पीड़ित रोगी को समझना चाहिए कि जब तक आप अपने खान-पान में सुधार नहीं करेगें, तब तक आपका मोटापा दूर नहीं हो सकता है। सादा भोजन और व्यायाम शरीर में अधिक चर्बी को पिघलाता है। मालिश उसमें सहायता करती है और रोगी के शरीर मे कमजोरी नहीं आने देती है, साथ ही चर्बी घटने पर शरीर के मांस को ढीला नहीं पड़ने देती, बल्कि मालिश शरीर को मजबूत तथा आकर्षक बना देती है। इसलिए मोटापा कम करने वाले व्यक्ति को चाहिए कि वह अपने भोजन में सुधार करे तथा प्रतिदिन व्यायाम करें। ठण्डी मालिश मोटापा दूर करने में विशेष सहायता करती है, इसके अलावा तेल मालिश या सूखी मालिश भी की जा सकती है। वैसे तेल मालिश का उपयोग कम ही करें तो अच्छा है क्योंकि तेल की मालिश तभी अधिक लाभ देती है जब रोगी उपवास कर रहा हो।
* रोगी को उबली हुई सब्जियां, क्रीम निकला हुआ दूध, संतरा, नींबू आदि खट्टे फल तथा 1-2 चपाती नियमित रूप से कई महीने तक लेनी चाहिए। रोगी को तली और भुनी हुई चीजों को अपने भोजन से पूरी तरह दूर रखना चाहिए। उपचार के दौरान रोगी को बीच-बीच में 1-2 दिन का उपवास भी रखना चाहिए। उपवास के दिनों में केवल नींबू पानी अधिक मात्रा में पीना चाहिए। इस प्रकार के भोजन व उपचार से कुछ दिनों तक तो रोगी को कमजोरी महसूस होगी, परन्तु कुछ दिनों के अभ्यास से जब शरीर इसका आदि हो जाएगा, तब रोगी अपने को अच्छा महसूस करने लगेगा।


* जिन लोगों को मोटापा थायराइड ग्रंथि की गड़बड़ी के कारण हो गया हो, उन्हें मोटापा दूर करने के लिए क्रीम निकले दूध के स्थान पर गाय का दूध पीना चाहिए, इससे रोगी को कोई नुकसान नहीं होगा। रोगी के लिए आवश्यक यह है कि वह एक समय में ही भोजन करे और सुबह और शाम 250 ग्राम से 300 ग्राम दूध के साथ कुछ फल भी ले, इससे रोगी को जल्दी लाभ होगा।

डेंगू बुखार से बचाव| डेंगू से बचाव के लिए अपनाएं ये आसान उपाय | Dengue Prevention in Hindi

डेंगू बुखार के लक्षण मच्छर काटने के 7-8 दिन बाद दिखाई देते है| किसी को बुखार व चकते निकल आते है, तो किसी को उलटी और बुखार होता है| ये सभीलक्षण सामान्य फ्लू के भी है, तो ऐसे लक्षण होने पर आप यही ना समझे की आपको डेंगू हुआ है| 



लक्षण ::
सर दर्द
तीव्र बुखार
जोड़ो में दर्द
उलटी/दस्त
पुरे शरीर में दर्द
आँखों में दर्द
शरीर के कुछ हिस्सों पर लाल लाल चकते निकल आना
कई बार नाक से खून आता है|
उपचार ::
डेंगू के उपचार का कोई specific Treatment नहीं है| यह एक तरह का वायरल है जिसके लिए कोई विशेष दवा या वेकसीन नहीं बनी है|
डेंगू बुखार में खून की कमी हो जाती है, जिससे व्यक्ति की मौत हो जाती है|
डेंगू के मरीज को पपीते के पत्तों का रस पिलाना चाहिए इससे खून की कमी पूरी होती है|
१. अनार जूस
२. गेहूं घास का रस
३.पपीते के पत्तो का रस
४,नीम गिलोय सत्व
इन सब का जूस और रस दिन में देते रहे |
-- गिलोय घनवटी २-२ गोली दिन में ३ बार देवे |
-- रोगी बार बार उलटी करे तो सेव का रस में निम्बू डाल कर पिलाये जिस से उलटी बंद हो जाएगी |
-- बुखार से पहले ही अगर महासुदर्शन चूर्ण एक चमच दिन में २ बार और अमृतारिष्ट २-२ चमच पानी के साथ लेना अच्छा रहता है जिस से डेंगू का प्रभाव नहीं होगा |

गिलोय- अमृत बेल (Tinospora cordifolia) | डेंगू बुखार का इलाज , Guduchi – Uses & Benefits of Guduch

गिलोय Tinospora Cordifolia Herb Uses, Benefits:

गिलोय को अमृता भी कहा जाता है .
*यह एक झाडीदार लता है। इसकी बेल की मोटाई एक अंगुली के बराबर होती है इसी को सुखाकर चूर्ण के रूप में दवा के तौर पर प्रयोग करते हैं। बेल को हलके नाखूनों से छीलकर देखिये
नीचे आपको हरा,मांसल भाग दिखाई देगा । इसका काढा बनाकर पीजिये ।
प्रकृति: गिलोय की प्रकृति गर्म होती है।
तुलना: गिलोय की तुलना सत गिलोय से की जा सकती है।
मात्रा: गिलोय की 20 ग्राम मात्रा में सेवन कर सकते हैं।
1-गिलोय पुरानी पैत्तिक और रक्तविकार वाले बुखारों का ठीक कर सकती है। यह खांसी, पीलिया, उल्टी और बेहोशीपन को दूर करने के लिए लाभकारी है। यह कफ को छांटता है। धातु को पुष्ट करता है। भूख को खोलता है। वीर्य को पैदा करता है तथा उसे गाढा करता है, यह मल का अवरोध करती है तथा दिल को बलवान बनाती है।

2-घी के साथ गिलोया का सेवन करने से वात रोग नष्ट होता है।
3-गुड़ के साथ गिलोय का सेवन करने से कब्ज दूर होती है।
4-शहद के साथ गिलोय का सेवन करने से कफ की शिकायत दूर होती है।
5-यह जड़ी (वनस्पति) जादू कि सी चीज है , पुरे शारीर के जाने अनजाने रोगों के लिए राम बाण कि तरह है
6-गिलोय बुखार को दूर करने की सबसे अच्छी औषधि मानी जाती है।
7-यह सभी प्रकार के बुखार जैसे टायफाइड (मियादी बुखार), मलेरिया, मंद ज्वर तथा जीर्ण ज्वर (पुराने बुखार) आदि के लिए बहुत ही उत्तम औषधि है।

10 Health benefits of eating banana | स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बहुत फायदेमंद है केले का सेवन | 25 Powerful Reasons to Eat Bananas

25 Powerful Reasons to Eat Bananas:

 शुगर और फाइबर का बेहतरीन स्रोत है केला।
▪ केले में मौजूद ट्राइप्टोफान नामक एमिनो एसिड।
▪ ब्लड शुगर नियंत्रित करता है केला।
▪ तनाव कम करने में भी मददगार है केला।
केला स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बहुत लाभदायक है। रोज एक केला खाना तन-मन को तंदुरुस्त रखता है। केला शुगर और फाइबर का बेहतरीन स्रोत होता है।
केले में थाइमिन, नियासिन और फॉलिक एसिड के रूप में विटामिन ए और बी पर्याप्त मात्रा में मौजूद होता है। केले को ऊर्जा का अच्छा स्रोत माना जाता है। साथ ही इसमें पानी की मात्रा 64.3 प्रतिशत, प्रोटीन 1.3 प्रतिशत, कार्बोहाईड्रेट 24.7 प्रतिशत तथा चिकनाई 8.3 प्रतिशत होती है। आइए हम आपको बताते हैं कि केला खाने के क्या-क्या फायदे हो सकते हैं।


》केले के लाभ
1) केले में पोटैशियम पाया जाता है, जो कि ब्लड प्रेशर के मरीज के लिए बहुत फायदेमंद है।
2) ज्यादा शराब पीने से हैंगओवर को उतारने में केले का मिल्‍क शेक बहुत फायदेमंद होता है।
3) केले का शेक पेट को ठंडक पहुंचाता है।
4) केला ब्लड शुगर नियंत्रित करता है।
5) केले में काफी मात्रा में फाइबर पाया जाता है।
6) केला पाचन क्रिया को सुचारु करता है।
7) अल्सर के मरीजों के लिए केले का सेवन फायदेमंद होता है।
8) केले में आयरन भरपूर मात्रा में होता है, जिसके कारण खून में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ती है।
9) तनाव कम करने में भी मददगार है केला।
10) केले में ट्राइप्टोफान नामक एमिनो एसिड होता है जिससे मूड को रिलैक्स होता है।
》 केले के अन्य फायदे
1) दिल के लिए :–
दिल के मरीजों के लिए केला बहुत फायदेमंद होता है। हर रोज दो केले को शहद में डालकर खाने से दिल मजबूत होता है और दिल की बीमारियां नहीं होती हैं।
2) नकसीर के लिए :–
अगर नाक से खून निकलने की समस्या है तो केले को चीनी मिले दूध के साथ एक सप्ताह तक इस्तेमाल कीजिए। नकसीर का रोग समाप्त हो जाएगा।
3) वजन बढ़ाने के लिए :–
वजन बढ़ाने के लिए केला बहुत मददगार होता है। हर रोज केले का शेक पीने से पतले लोग मोटे हो सकते हैं। इसलिए पतले लोगों को वजन बढाने के लिए केले का सेवन करना चाहिए।
4) गर्भावती के लिए :–
गर्भावस्‍‍था के दौरान महिलाओं को सबसे ज्यादा विटामिन व मिनरल्स की आवश्यकता होती है। इसलिए गर्भवती को यह सलाह दी जाती है कि वह अपने आहार में केला अवश्य शामिल करें।
5) बच्चों के लिए :–
बच्चों के विकास के लिए केला बहुत फायदेमंद होता है। केले में मिनरल और विटामिन पाया जाता है जिसका सेवन करने से बच्चों का विकास अच्छे से होता है। इसलिए बच्चों की डाइट में केले को जरूर शमिल करना चाहिए।
6) बुजुर्गों के लिए फायदेमंद :–
केला बुजुर्गों के लिए सबसे अच्छा फल है। क्योंकि इसे बहुत ही आसानी से छीलकर खाया जा सकता है। इसमें विटामिन-सी, बी6 और फाइबर होता है जो बढ़ती उम्र में जरूरी होता है। बुढ्ढों में पेट के विकार को भी यह समाप्त करता है।

सफेद बालों की समस्या को दूर करने के घरेलू टिप्स , Ayurveda Home Remedies to Turn White Hair Into Black Hair

Top 10 Homemade Remedies For Hair Whitening | Home Remedies

कई ऐसे घरेलू उपाय हैं, जो सफेद होते बालों की समस्‍या को दूर कर सकते हैं। आइये जानते हैं ऐसे ही कुछ हमारे घरेलू नुस्‍खों की पोटली से निकले कुछ बेहद असरदार उपाय।
1) सफेद बालों की समस्या
बालों का असमय सफेद होना एक बड़ी समस्‍या बन चुकी है। इसके लिए कई लोग कलर का इस्‍तेमाल करते हैं। हालांकि कलर बालों को जड़ से कमजोर बना सकता है। कई ऐसे घरेलू उपाय हैं, जो सफेद होते बालों की समस्‍या को दूर कर सकते हैं। आइये जानते हैं ऐसे ही कुछ हमारे घरेलू नुस्‍खों की पोटली से निकले कुछ बेहद असरदार उपाय।

2) आंवले का कमाल
छोटा सा दिखने वाला आंवला न केवल आपकी सेहत के लिए गुणकारी है बल्कि इससे नियमित उपयोग से सफेद होते बालों की समस्‍या से भी निजात मिलती हैं। आंवले को न सिर्फ डाइट में शामिल करें बल्कि मेंहदी में मिलाकर इसके घोल से बालों की कंडिशनिंग करते रहें। चाहे तो आंवले को बारीक काट लें और गर्म नारियल तेल में मिलाकर सिर पर लगाएं।


3) बड़े काम की छोटी सी मिर्च
काली मिर्च खाने का स्‍वाद तो बढ़ाती है, साथ ही इससे सफेद होते बाल भी काले होने लगते हैं। इसके लिए काली मिर्च के दानों को पानी में उबाल कर उस पानी को बाल धोने के बाद सिर में डालें। लंबे समय तक बालों में इस तरह करने से यह असर दिखाती है।

4) कॉफी और काली चाय, बालों को काला बनाये
अगर आप सफेद होते बालों से परेशान हैं तो ब्‍लैक टी और कॉफी का इस्‍तेमाल करें। सफेद हो चुके बालों को अगर आप ब्‍लैक टी या कॉफी के अर्क से धोएंगें तो आपके सफेद होते बाल दोबारा से काले होने लगेगें। ऐसा आप दो दिन में एक बार जरूर करें।

5) एलोवेरा में है गजब का जादू
बालों में एलोवेरा जेल लगाने से भी बालों का झडऩा और सफेद होना बंद हो जाता है। इसके लिए आप एलोवेरा जेल में नींबू का रस बना कर पेस्‍ट बना लें और इस पेस्‍ट को बालों में लगाएं।

6) दही से करें सफेदी पर वार
सफेद होते बालों का रंग प्राकृतिक रूप से बदलने के लिए दही का इस्‍तेमाल करें। इसके लिए हिना और दही को बराबर मात्रा में मिलाकर पेस्‍ट बना लें और इस पेस्‍ट को बालों में लगाइये। इस घरेलू उपचार को हफ्ते में एक बार लगाने से ही बाल काले होने लगते हैं।

7) प्‍याज करे बड़े-बड़े काज
प्याज आपके सफेद बालों को काला करने में मदद करता है। कुछ दिनों तक रोजाना नहाने से कुछ देर पहले अपने बालों में प्याज का पेस्ट लगायें। इससे आपके सफेद बाल काले होने शुरू हो ही जाएंगे, बालों में चमक आएगी और साथ ही बालों का गिरना भी रुक जाएगा।

8) भृंगराज और अश्वगंधा काम करें बड़ा चंगा
भृंगराज और अश्वगंधा की जड़ें बालों के लिए वरदान मानी जाती हैं। इनका पेस्‍ट बना कर नारियल तेल में मिलाकर बालों की जड़ों में एक घंटे के लिए लगाएं। फिर बालों को गुनगुने पानी से अच्‍छी तरह से धो लें। इससे बालों की कंडीशनिंग भी होगी और बाल काले भी होंगे।

9) दूध के अद्भुत लाभ
गाय के दूध के फायदों के बारे में कौन नहीं जानता, लेकिन क्‍या आपको यह भी पता है कि गाय का दूध सफेद बालों को भी काला बना सकता है। गाय का दूध बालों में लगाने से बाल कुदरती तौर पर काले होने लगते हैं। ऐसा हफ्ते में एक दिन करें और देखिये कैसे खिल जाते हैं आपके बाल।

10) कढ़ी पत्ता करे बड़े कमाल
सफेद हो रहे बालों के लिये कढ़ी पत्ता बहुत ही अच्‍छा होता है। नहाने से पहले कढ़ी पत्ते को नहाने के पानी में छोड़ दें और एक घंटे के बाद उस पानी से सिर धो लें। या फिर आंवले की तरह कढ़ी पत्ते को भी बारीक काटकर और गर्म नारियल तेल में मिलाकर सिर पर लगाएं। इससे भी लाभ होगा।

11) देसी घी से म‍ालिश्‍ा
बुजुर्गो को अकसर आपने सिर पर देसी घी से मालिश करते हुए देखा होगा। घी से म‍ालिश करने से त्‍वचा को पोषण मिलता है। प्रतिदिन शुद्ध घी से सिर की मालिश करके भी बालों के सफेद होने की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।

Sunday 20 September 2015

मोटापा कम करने में छाछ के फायदे | 10 Benefits of Buttermilk | 10 Amazing Reasons To Drink More Buttermilk for fat loss

10 Amazing Reasons To Drink More Buttermilk for fat loss:

प्राचीन समय से ही आयुर्वेद में छाछ को इंसान के शरीर के लिए बेहद उपयोगी बताया गया है। दही और दूध को मथने से छाछ बनती है। आयुर्वेद में इसे तक्र कहा जाता है। हाल ही में हुए एक नए शोध में वैज्ञानिकों ने भी इस बात को माना है। छाछं के नियमित सेवन से वजन को कम किया जा सकता है। छांछ में मौजूद गुणों से पेट के अंदर के कीडे़ खत्म हो जाते हैं और इस वजह से शरीर का वजन घटने लगता है।

नई जानकारी के अनुसार वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि इंसान की आंतों में कीड़े रहते हैं जो अनियमित खाना खाने से पनपने लगते हैं। शोध में इस बात का भी खुलासा हुआ कि अधिक जंक फूड खाने से आंतों में कीड़े काफी ज्यादा मात्रा में पनपने लगते हैं। जिस वजह से ये कीड़े पाचन तंत्र को प्रभावित करते हैं और इस वजह से मोटापा बढ़ने लगता है।

छाछ प्रो-बायोटिक होती है जो वजन को कम करने में सहायक है। वैज्ञानिकों ने कहा आंतों के कीड़े और वजन का संबंध एक दूसरे से होता है। पेट में कीड़ों का पता इस बात से लगाया जाता है कि यदि पेट में हल्का दर्द हो, दुर्बलता, छीकें आना और अजीर्ण होना आदि लक्षण पेट में कीड़ों का संकेत देती है।



छाछ में लो कैलोरी होती है। इसलिए आप रोज एक गिलास छाछ का सेवन करें। एैसा करने से भूख कम लगती है। और शरीर में पोषक तत्व भी छाछ के जरिए पहुंच जाते हैं। जिस वजह से मोटापा भी नहीं बढ़ता है।

आयुर्वेद के अनुसार छाछ के फायदे:

1. खाना खाने के बाद हमेशा छाछ पीने से शरीर में ताकत आती है।
2. छाछ शरीर की दुर्बलता को दूर करती  है।

शरीर में मिनरल्स की कमी को पूरा करना
छाछ में विटामिन के, ए, सी और बी पाया जाता है। जो शरीर को पोषण देते हैं। जिस वजह से मिनरल्स की कमी पूरी हो जाती है।

लो कैलोरी डायट
वजन कम करने के लिए यदि आप डायट पर हों तो जरूर छाछ का सेवन करें। यह शरीर से चर्बी को कम करती है।

पेट की बीमारी में फायदेमंद
पेट की कोई भी बीमारी हो जैसे एसिडिटी, पेट में दर्द बने रहना, सीने में जलन आदि का होना तब छाछ का सेवन जरूर करें। फायदा होगा।

बीमारीयों से लड़ने में सहायक
छाछ में कार्बोहाइड्रेट्स और लैक्टोस जैसे पोषक तत्व होते हैं जो शरीर को बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं। छाछ एक प्राकृतिक पेय है। इसका इस्तेमाल करने से

आप कोल्ड ड्रिंक्स से होने वाले नुक्सान से बच सकते हो। छाछ को पीने से शरीर में उर्जा भी आती है और शरीर स्वस्थ रहता है। आप कोल्ड ड्रिंक्स की जगह छाछ का ही सेवन करें।

पद्मासन के लाभ और पद्मासन की विधि | Lotus Pose (Padmasana) पद्मासन - yog and meditation

Lotus Pose (Padmasana) पद्मासन - Yoga And Meditation:


पद्मासन का अर्थ होता है कमल यानी कमल का आसन। यह योग का एक एैसा आसन है जिसमें शरीर को कमल के आसन में बैठने का आकार दिया जाता है। यह आसन केवल ध्यान में बैठने का तरीका है। लेकिन इस आसन से शरीर को काफी लाभ मिल सकते हैं। वैदिकवाटिका आपको पद्मासन के तरीकों और इसके फायदों को आप को बताएगा। ताकि आप निरोगी रह सकें।

पद्मासन का तरीका
1. किसी समतल जगह पर एक दरी अथवा साफ कपड़ा बिछाएं।
2. धीरे-धीरे पैरों को मोडे़ं और पैरों के पंजे को दूसरे पैर की जांघ पर आराम से रखें।
3. एैसै ही दूसरे पैर के पंजे को पहले पैर की जांघ पर आराम से रखें। जो लोग दोनों पंजों को एक-दूसरी जांघ पर न रख सकते हों वे केवल एक ही पंजे को जांघ पर रख सकते हैं।
4. पैरों के तलवे पेट की तरफ हों जैसे कि चित्र में दिखाया गया है।
5. कमर, और गर्दन दोनों बिलकुल सीधे हों।
6. अब हाथों की कुंहनियां घुटनों पर रखें।
7. दोनों कंघे बराबर और सीधें हों।
8. आंखों को बंद करें और हलकी श्वांस लें।




पद्मासन के लाभ 
1. यह आसन दिमाग को शांत और मन को भटकने से रोकता है।
2. इस आसन से आपका ध्यान और ज्यादा केंद्रित होता है। 
3. पद्मासन मेडिटेशन का एक कारगर तरीका है।
4. इस आसन से ब्लड प्रेशर नियंत्रण में रहता है।
5. पद्मासन गर्दन और रीढ़ की हड्डी को मजबूत और लचीला बनाता है।
6. आपके तनाव को कम करने का सबसे सरल उपाय है ये आसन।
7. इस आसन को नियमित करने से जाघों की और पेट की चर्बी कम होती है।          
   ये भी पढ़े-आग से जलने पर उपचार

पद्मासन करते समय की सावधानियां
1. जो लोग घुटनों के दर्द व सूजन से परेशान हों उन्हें यह आसन नहीं करना चाहिए।
2. वे लोग जो कमरदर्द, साइटिका और ओस्टियो अर्थराइटिज से परेशान हों वे भी इस आसन को न करें।

पद्मासन सबसे सरल आसन है और इसके फायदे भी अनेक हैं। इस आसन को सुबह-सुबह नियमित करें और धीरे-धीरे इस आसन की अवस्था में बैठनें का समय बढ़ाएं। वैदिकवाटिका आपको सलाह देता है कि कोई भी आसन करते समय कोई परेशानी आती है तो तुंरत योग विशेषज्ञ से सलाह लें।

अलसी का भोजन में महत्त्व | Importance in the diet of linseed | 10 Health Benefits of Flax seed

Health Benefits of Linseed Seeds:

आयुवर्धक, आरोग्यवर्धक व दैविक भोजन अलसी को “अमृत“ तुल्य माना गया है।
अलसी शरीर को स्वस्थ रखती है व आयु बढ़ाती है। अलसी में 23 प्रतिशत ओमेगा-3 फेटी एसिड, 20 प्रतिशत प्रोटीन, 27 प्रतिशत फाइबर, लिगनेन, विटामिन बी ग्रुप, सेलेनियम, पोटेशियम, मेगनीशियम, जिंक आदि होते हैं। सम्पूर्ण विश्व ने अलसी को सुपर स्टार फूड के रूप में स्वीकार कर लिया है और इसे आहार का अंग बना लिया है, लेकिन हमारे देश की स्थिति बिलकुल विपरीत है ।

अलसी को अतसी, उमा, क्षुमा, पार्वती, नीलपुष्पी, तीसी आदि नामों से भी पुकारा जाता है।

- अलसी शर्करा ही नियंत्रित नहीं रखती, बल्कि मधुमेह के दुष्प्रभावों से सुरक्षा और उपचार भी करती है।यह शून्य-शर्करा आहार कहलाती है और मधुमेह के लिए आदर्श आहार है।खाने की ललक कम करती है, चर्बी कम करती है, शक्ति व स्टेमिना बढ़ाती है, आलस्य दूर करती है और वजन कम करने में सहायता करती है।

- अलसी एक फीलगुड फूड है, क्योंकि अलसी से मन प्रसन्न रहता है, झुंझलाहट या क्रोध नहीं आता है, पॉजिटिव एटिट्यूड बना रहता है यह आपके तन, मन और आत्मा को शांत और सौम्य कर देती है। 

- त्वचा, केश और नाखुनों का नवीनीकरण या जीर्णोद्धार करती है अलसी। त्वचा को आकर्षक, कोमल, नम, बेदाग व गोरा बनाते हैं। अलसी सुरक्षित, स्थाई और उत्कृष्ट भोज्य सौंदर्य प्रसाधन है जो त्वचा में अंदर से निखार लाता है। त्वचा, केश और नाखून के हर रोग जैसे मुहांसे, एग्ज़ीमा, दाद, खाज, खुजली, सूखी त्वचा, सोरायसिस, ल्यूपस, डेन्ड्रफ, बालों का सूखा, पतला या दोमुंहा होना, बाल झड़ना आदि का उपचार है अलसी। 
-अलसी ही है जो जीवाणुरोधी, विषाणुरोधी, फफूंदरोधी और कैंसररोधी है।

10 Flaxseed Health Benefits





अलसी सेवन का तरीकाः-
हमें प्रतिदिन 30 – 60 ग्राम अलसी का सेवन करना चाहिये। 30 ग्राम आदर्श मात्रा है। 
गर्मी में आप इसकी मात्रा आधी कर ले सिर्फ 15 ग्राम ही सेवन करे |
अलसी को रोज मिक्सी के ड्राई ग्राइंडर में पीसकर आटे में मिलाकर रोटी, पराँठा आदि बनाकर खाना चाहिये। डायबिटीज के रोगी सुबह शाम अलसी की रोटी खायें। कैंसर में बुडविग आहार-विहार की पालना पूरी श्रद्धा और पूर्णता से करना चाहिये। इससे ब्रेड, केक, कुकीज, आइसक्रीम, चटनियाँ, लड्डू आदि स्वादिष्ट व्यंजन भी बनाये जाते हैं।
अलसी को सूखी कढ़ाई में डालिये, रोस्ट कीजिये (अलसी रोस्ट करते समय चट चट की आवाज करती है) और मिक्सी से पीस लीजिये. इन्हें थोड़े दरदरे पीसिये, एकदम बारीक मत कीजिये. भोजन के बाद सौंफ की तरह इसे खाया जा सकता है .
--अलसी की पुल्टिस का प्रयोग गले एवं छाती के दर्द, सूजन तथा निमोनिया और पसलियों के दर्द में लगाकर किया जाता है। इसके साथ यह चोट, मोच, जोड़ों की सूजन, शरीर में कहीं गांठ या फोड़ा उठने पर लगाने से शीघ्र लाभ पहुंचाती है
 
--यह श्वास नलियों और फेफड़ों में जमे कफ को निकाल कर दमा और खांसी में राहत देती है।
--इसकी बड़ी मात्रा विरेचक तथा छोटी मात्रा गुर्दो को उत्तेजना प्रदान कर मूत्र निष्कासक है। यह पथरी, मूत्र शर्करा और कष्ट से मूत्र आने पर गुणकारी है। 
--अलसी के तेल का धुआं सूंघने से नाक में जमा कफ निकल आता है और पुराने जुकाम में लाभ होता है। यह धुआं हिस्टीरिया रोग में भी गुण दर्शाता है।
-- अलसी के काढ़े से एनिमा देकर मलाशय की शुद्धि की जाती है। उदर रोगों में इसका तेल पिलाया जाता हैं।
--अलसी के तेल और चूने के पानी का इमल्सन आग से जलने के घाव पर लगाने से घाव बिगड़ता नहीं और जल्दी भरता है। 
--पथरी, सुजाक एवं पेशाब की जलन में अलसी का फांट पीने से रोग में लाभ मिलता है। ----अलसी के कोल्हू से दबाकर निकाले गए (कोल्ड प्रोसेस्ड) तेल को फ्रिज में एयर टाइट बोतल में रखें। स्नायु रोगों, कमर एवं घुटनों के दर्द में यह तेल पंद्रह मि.ली. मात्रा में सुबह-शाम पीने से काफी लाभ मिलेगा।
इसी कार्य के लिए इसके बीजों का ताजा चूर्ण भी दस-दस ग्राम की मात्रा में दूध के साथ प्रयोग में लिया जा सकता है। यह नाश्ते के साथ लें।
--बवासीर, भगदर, फिशर आदि रोगों में अलसी का तेल (एरंडी के तेल की तरह) लेने से पेट साफ हो मल चिकना और ढीला निकलता है। इससे इन रोगों की वेदना शांत होती है।
--अलसी के बीजों का मिक्सी में बनाया गया दरदरा चूर्ण पंद्रह ग्राम, मुलेठी पांच ग्राम, मिश्री बीस ग्राम, आधे नींबू के रस को उबलते हुए तीन सौ ग्राम पानी में डालकर बर्तन को ढक दें। तीन घंटे बाद छानकर पीएं। इससे गले व श्वास नली का कफ पिघल कर जल्दी बाहर निकल जाएगा। मूत्र भी खुलकर आने लगेगा।
--इसकी पुल्टिस हल्की गर्म कर फोड़ा, गांठ, गठिया, संधिवात, सूजन आदि में लाभ मिलता है।
--डायबिटीज के रोगी को कम शर्करा व ज्यादा फाइबर खाने की सलाह दी जाती है। अलसी व गैहूं के मिश्रित आटे में (जहां अलसी और गैहूं बराबर मात्रा में हो)खाए |
--अलसी के बीजों का मिक्सी में बनाया गया दरदरा चूर्ण पंद्रह ग्राम, मुलेठी पांच ग्राम, मिश्री बीस ग्राम, आधे नींबू के रस को उबलते हुए तीन सौ ग्राम पानी में डालकर बर्तन को ढक दें। तीन घंटे बाद छानकर पीएं। इससे गले व श्वास नली का कफ पिघल कर जल्दी बाहर निकल जाएगा। मूत्र भी खुलकर आने लगेगा। 
--अलसी बांझपन, पुरूषहीनता, शीघ्रस्खलन व स्थम्भन दोष में बहुत लाभदायक है।
--कई असाध्य रोग जैसे अस्थमा, एल्ज़ीमर्स, मल्टीपल स्कीरोसिस, डिप्रेशन, पार्किनसन्स, ल्यूपस नेफ्राइटिस, एड्स, स्वाइन फ्लू आदि का भी उपचार करती है अलसी। कभी-कभी चश्में से भी मुक्ति दिला देती है अलसी। दृष्टि को स्पष्ट और सतरंगी बना देती है अलसी।
--जोड़ की हर तकलीफ का तोड़ है अलसी। जॉइन्ट रिप्लेसमेन्ट सर्जरी का सस्ता और बढ़िया उपचार है अलसी। ­­ आर्थ्राइटिस, शियेटिका, ल्युपस, गाउट, ओस्टियोआर्थ्राइटिस आदि का उपचार है अलसी।

अलसी के लड्डू ::( जरुर बनाकर खाए )
सामग्री- 1. ताजा पिसी अलसी 100 ग्राम 2. आटा 100 ग्राम 3. मखाने 75 ग्राम 4. नारियल कसा हुआ 75 ग्राम 5. किशमिश 25 ग्राम 6. कटी हुई बादाम 25 ग्राम 7. घी 300 ग्राम 8. चीनी का बूरा 350 ग्राम
लड्डू बनाने कि विधिः- कढ़ाही में लगभग 50 ग्राम घी गर्म करके उसमें मखाने हल्के हल्के तल कर पीस लें। लगभग 150 ग्राम घी गर्म करके उसमें आटे को हल्की ऑच पर गुलाबी होने तक भून लें। जब आटा ठंडा हो जाये तब सारी सामग्री और बचा हुआ घी अच्छी तरह मिलायें और गोल गोल लड्डू बना लें। सुबह शाम खाए |

सिंघाड़ा कितना उपयोगी | Health benefits of Singhara | 10 Benefits of Trapa Bispinosa

सिंघाडे को Trapa Bispinosa भी कहा जाता है।:

सिंघाडे को Trapa Bispinosa भी कहा जाता है। यह त्रिकोने आकार का फल होता है 
शरीर को मैगनीज तत्व की भी जरूरत होती है. आप चाहे जितने टानिक पी लीजिये, ताकत की दवाएं खा लीजिये लेकिन जब तक शरीर में इन तत्वों को पूर्ण रूप से पचाने की क्षमता नहीं होगी ,दवाए कोई असर नहीं दिखाएंगी. अकेला सिघाड़ा एक ऐसा फल है जो शरीर में मैगनीज एब्जार्ब करने की क्षमता बढ़ा देता है. और बुढापे में होने वाली अधिकाश बीमारियाँ सिर्फ मैगनीज की कमी के कारण होती हैं.
जिन महिलाओं का गर्भकाल कभी पूरा न होता हो या गर्भ के दौरान गर्भ गिरने का डर लगा रहता हो उन्हें खूब ज्यादा सिघाड़े खाने चाहिए. ये भ्रूण को तो मजबूती देता ही है ,गर्भवती महिला की भी रक्षा करता है. ये पुरुषों के लिए शुक्रवर्धक औषधि का काम करता है.
सिघाड़े में टैनिन, सिट्रिक एसिड, एमिलोज, एमिलोपैक्तीं, कर्बोहाईड्रेट, बीटा-एमिलेज, प्रोटीन, फैट, निकोटेनिक एसिड, फास्फोराइलेज, रीबोफ्लेविन, थायमाइन, विटामिन्स-ए, सी तथा मैगनीज आदि तत्व मौजूद हैं.

10 Benefits of Trapa Bispinosa, Health Benefits:

यह जल में पैदा होने वाला फल है, तिकोने पत्ते और सफ़ेद फूलों वाले इस पौधे में फल भी तिकोने ही लगते हैं. छोटे छोटे ताल-तलैयों में आपको इस मौसम में भी इसके पत्ते पानी में फैले हुए मिल जायेंगे.
__एक या दो महीने तक ज्यादा से ज्यादा सिंघाड़े के सेवन से मासिक धर्म सामान्य हो जाता है।
__ सिघाड़े के तने का रस निकाल कर एक-एक बूंद आँख में डालने से किसी भी प्रकार की आँखों की बीमारी दूर हो जाती है.
__ जिस व्यक्ति को ज़रा सी खरोंच लग जाए और खून बहुत ज्यादा निकलता हो उसे तो खूब सिघाड़े खाने चाहिए ताकि उसकी ये बीमारी दूर हो जाए. सिघाड़े में रक्त स्तंभक का गुण भी पाया जाता है.
__ गर्भवती महिलाओं को दूध के साथ सिघाड़ा खाना चाहिए, गर्भ के सातवें महीने में तो अनिवार्य रूप से इसका प्रयोग करना चाहिए.
__ पेशाब में रुकावट महसूस हो रही है तो सिघाड़े का काढा बनाकर दिन में दो बार ले लीजिये.
__ सिघाड़ा ल्यूकोरिया, दस्त, खून में खराबी जैसी बीमारियों को भी ठीक करता है.
__जो लोग अस्थमा के रोगी हैं उनके लिए सिंघाड़ा वरदान से कम नहीं है। अस्थमा के रोगीयों को 1 चम्मच सिंघाड़े के आटे को ठंडे पानी में मिलाकर सेवन करना चाहिए। एैसा नियमित करने से अस्थमा रोग में लाभ मिलता है।
__बवासीर के रोग में सिंघाड़े के सेवन से लाभ मिलता है। यदि सूखे या खूनी बवासीर हो तो आप नियमित सिंघाड़े का सेवन करें। जल्द ही बवासीर में कमी आयेगी और रक्त आना बंद हो जाएगा।
__वे महिलाएं जिनका गर्भाशय कमजोर हो वे सिंघाड़े का या सिंघाडे़ का हल्वे का सेवन नियमित करती रहें। लाभ मिलेगा।
__सिंघाड़े की बेल को पीसकर उसका पेस्ट, शरीर में जलन वाले स्थान पर लगाने से जलन कम हो जाती है। और लाभ मिलता है।
__यदि मांसपेशियां कमजोर हैं या शरीर में दुर्बलता हो तो आप नियमित सिंघाड़े का सेवन करें एैसा करने से शरीर की दुर्बलता और कमजोरी दूर होती है।
__जिन महिलाओं को मूत्र संबंधी रोग है वें सिंघाड़े का आटा ठंडे पानी में लें।
__सिंघाड़ा पित्त और कफ को खत्म करता है। इसलिए सिंघाड़े का नियमित सेवन करना चाहिए।
__गले से सबंधी बीमारियों के लिए सिंघाड़ा बहुत ही लाभदायक है। गला खराब होने पर या गला बैठने पर आप सिंघाड़े के आटे में दूध मिलाकर पीयें इससे जल्दी ही लाभ मिलेगा। गले में टांसिल होने पर सिंघाड़ा का सेवन करना न भूलें।
__सिंघाडे़ में आयोडीन की प्रर्याप्त मात्रा होने की वजह से यह घेघां रोग में फायदा करता है।
__आखों की रोशनी को बढ़ाने में भी सिंघाडा फायदा करता है क्योंकि इसमें विटामिन ए सही मात्रा में पाया जाता है।
__नाक से नकसीर यानी खून बहने पर सिघाड़े के सेवन से फायदा होता है। यह नाक से बहने वाले नकसीर को बंद कर देता है।
__प्रसव होने के बाद महिलाओं में कमजोरी आ जाती है। इस कमजोरी को दूर करने के लिए महिलाओं को सिंघाड़े का हलवा खाना चाहिए यह शरीर में होने वाली कमजोरी को दूर करता है।
__कैल्शियम की सही मात्रा की वजह से सिंघाड़ा हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाता है।
__ सिंघाड़े के इस्तेमाल से पुरूषों के वीर्य में बढ़ोत्तरी होती है। साथ यह काम की क्षमता को भी बढ़ता है। इसका प्रयोग आप सिंघाड़े के हलवे के रूप में भी कर सकते हैं। अथवा दूध में दो चम्मच सिंघाड़े का आटा मिलाकर भी प्रयोग कर सकते हैं।
__नीबू के रस में सूखे सिंघाड़े को घिसकर दाद पर प्रतिदिन लगाया जाए तो दाद में आराम मिलता है हलांकि ऐसा करने से दाद वाली जगह पर पहले जलन होती है और फिर ठंडक महसूस होती है।
__ सिंघाड़े के आटे में बबूल गोंद, देशी घी और मिश्री मिलाकर लगभग 30 ग्राम प्रतिदिन दूध के साथ लेने से वीर्य की दुर्बलता दूर होती है।
__शक्कर और पिसा हुआ सूखा सिंघाड़ा की समान मात्रा (50-50 ग्राम) लेकर मिला लें। इस चूर्ण को चुटकी भर मात्रा में पानी के साथ सुबह शाम देने से बच्चे बिस्तर में पेशाब करना बंद कर देते है।
__गले में टांसिल्स होने पर सिंघाड़े को पानी में उबालकर इस पानी से प्रतिदिन कुल्ला किया जाए तो टांसिल्स की सूजन दूर होती है।
__कच्चे सिंघाड़े को कुचलकर शक्कर और नारियल के साथ चबाने से शरीर को जबरदस्त ऊर्जा मिलती है, माना जाता है कि यह नुस्खा शारीरिक स्फूर्ति प्राप्त करने के लिए अचूक है।
__पीलिया के मरीज इसे कच्चा या जूस बनाकर ले सकते हैं। यह शरीर से जहरीले पदार्थों को बाहर निकालने में काफी मददगार होता है। 
__मैग्नीज और आयोडीन की पर्याप्त मात्रा होने के कारण यह थायरॉइड ग्रंथि की कार्यशैली को सुचारू रखने में भी मदद करता है।
__सिंघाड़ा सूजन और दर्द में मरहम का काम करता है। शरीर के किसी भी अंग में सूजन होने पर सिंघाड़े के छिलके को पीस कर लगाने से आराम मिलता है। 
__एड़ियां फटने की समस्या शरीर में मैग्नीज की कमी के कारण होती है। सिंघाड़ा ऐसा फल है, जिसमें पोषक तत्वों से मैग्नीज ग्रहण करने की क्षमता होती है। 
__इसके नियमित सेवन से शरीर मोटा और शक्तिशाली बनता है।
__बुखार व घबराहट में फायदेमंद रोज 10-20 ग्राम सिंघाड़े के रस का सेवन करने से आराम मिलता है।
__पेशाब में जलन, रुक-रुक कर पेशाब आना जैसी बीमारियों में सिंघाड़े का सेवन लाभदायक है।
__जिन लोगों की नाक से खून आता है, उन्हें बरसात के मौसम के बाद कच्चे सिंघाड़े खाना फायदेमंद है।

खाने में सावधानियां
एक स्वस्थ व्यक्ति को रोजाना 5-10 ग्राम ताजे सिंघाड़े खाने चाहिए। पाचन प्रणाली के लिहाज से सिंघाड़ा भारी होता है, इसलिए ज्यादा खाना नुकसानदायक भी हो सकता है। पेट में भारीपन व गैस बनने की शिकायत हो सकती है। सिंघाड़ा खाकर तुरंत पानी न पिएं। इससे पेट में दर्द हो सकता है। कब्ज हो तो सिंघाड़े कम खाएं।

नींद के लिए सर्पगंधा | Ayurveda - अच्छी नींद के लिए घरेलू उपचार | नींद के आभाव को दूर करने के वैदिक उपाय

नींद के आभाव को दूर करने के वैदिक उपाय:

सर्पदंश तथा कीटदंश के उपचार में इसे अत्यन्त ही लाभकारी बताया गया है।

सर्पगंधा का वानस्पतिक नाम रावोल्फिया सर्पेन्टीना (Rauvolfia serpentina) है।

अंग्रेजी में इसे सर्पेन्टीन (Serpentine) तथा स्नेक रूट (Snake root) नामों से जाना जाता है। हिन्दी में इसके अनेक नाम जैसे- छोटा चाँद, धवलबरूआ, नकुलकन्द, नाकुलीकन्द, हरकाई चन्द्रा, रास्नाभेद हैं। उड़िया में इसे ब्रनेरा, धनवरूआ, सनोचाडो, 
बंगला में नाकुली, गन्धरास्ना, ,,तेलगू में पाताअगन्धि, मलयालम में चुवन्ना अविकपोरी 
.संस्कृत में सर्पगंधा ,धवल विटप , चंद्रमार ,चन्द्रिका ,,.बिहार में धनमरवा ,चंदमरवा ,इसरगज,,.उड़िया में पातालगरुड़ ,,,मराठी में साय्सन ,अद्कई,,.गुजराती में अमेल्पोदी
तमिल में चिवनअमलपोडी ,सर्प्गंठी,,मलयालम में चिवन , अवाल्पोदी ,,कर्णाटक में सुत्रनावी आदि नामों से पुकारा जाता है


उपयोग-------1-हांई ब्लड प्रेशर के उपचार हेतु सर्पगंधा सम्पूर्ण विश्व में सर्वोत्तम औषधि मानी जाती है । इसके उपयोग से उच्च रक्तचाप में जादुई कमी आती है,नींद भी अच्छी आती है तथा भ्रम आदि मानसिक विकारों में भी आराम मिलता है । यदि आपको उपरोक्त तकलीफें हैं तो सर्पगंधा की जड़ के चूर्ण का आधा छोटा चम्मच दिन में दो या तीन बार सेवन कीजिये ,परिणाम मनोनुकूल मिलेगा ।

२--------अगर आप अनिद्रा के रोगी हैं तो रात को सोने के समय १/४ छोटा चम्मच सर्पगंधा की जड़ का पावडर घी के साथ मिला कर खा लें ,नींद आ जायेगी। खांसी वाले रोगियों की अनिद्रा में भी यह लाभदायक है ।
----सर्पगंधा घनवटी २ गोली. दिमाग-दोषहरी २ गोली, खमीरा गावजवान अम्बरी जवाहरवाला एक चमच्च, सीरप शंखपुष्पी ४ चम्मच-यह सब एक मात्रा हैं| केवल रात को सोते समय पहले उक्त खमीरा खाइये| फिर एक कप दूध में ४ चमच्च सीरप शंखपुष्पी घोल लें| फिर उक्त चारों गोलियों को उस एक कप दूध से निगल लें| 

रोगन लबूब सबा-यह यूनानी दवाओं से निर्मित एक केश तेल हैं| इसे केवल रात को सोते समय ही सिर के बीच में चुपड़ कर १५ मिनिट तक हलके हलके मलें| तीसरे दिन से गहरी सुखद नीद आने लगती हैं| इसके बाद इन दवाओं का उपयोग छोड़ दें| इसकी आदत नहीं पड़ती| केवल रात को ही उपयोग करे| दिन में न करे अन्यथा दिन भर उंघते रहेंगें| 

३-------परंपरांगत चिकित्सा में सर्पगंधा का प्रयोग पागलपन की दवा के रूप में भी किया जाता रहा है । उन्माद और अपस्मार में जब रोगी बहुत अधिक उत्तेजना का शिकार हो जाता है तो एक ग्राम चूर्ण २५० मिलि० बकरी के दूध के साथ खिलाएं ,चूर्ण में गुड मिला लें ,यह दिन में दो बार दीजिये ,आराम दिखायी देगा । 
-----किंतु यह दवा लो ब्लड प्रेशर वालों के लिए नहीं है।

खून की कमी को दूर करने वाले आहार | Dietary deficiency of blood | एनीमिया/रक्ताल्पता/खून की कमी दूर करने

Dietary deficiency of blood:

व्यस्त जीवन के चलते पुरूषों को इस बात का पता ही नहीं चलता है कि शरीर में खून की कमी हो रही है। हाल ही में हुए नए शोध में यह बात सामने आई है कि भारतीय पुरूषों में खून की कमी अधिक हो रही है। और धीरे धीरे उनकी सेहत खराब होती जा रही है। जिसकी कई वजह हैं। शरीर में खून कई तरह के तत्वों से बनता है। आयरन उनमें से एक एैसा तत्व है। जिसे हम हीमोग्लोबिन भी कहते हैं। भाग दौड़ वाली लाईफ में शरीर में प्रोटीन की प्रयाप्त मात्रा न मिलने की वजह से खून की कमी हो रही है।(Health tips for mens)

एनीमिया/रक्ताल्पता/खून की कमी दूर करने:


सही जानकारी ही बचाव है। इसलिए खून बढ़ाने वाली चीजों का सेवन आपको करना है। एक और बात यदि किसी रोग की वजह से है खून की कमी हो तो इसका उपचार कराएं। लेकिन ज्यादातर समस्याएं उचित पोषण न मिलने की वजह से होती है।

एक सिद्ध प्रयोग --

सामग्री :-

सितोपलादि चूर्ण 50 ग्राम 

आमलकी रसायन 50 ग्राम 
अश्वगंधा सत्व 50 ग्राम 
शतावर चूर्ण 10 ग्राम 
सिद्द मकरधव्ज 5 ग्राम 
लोह भस्म 100 पुटी 10 ग्राम 
अष्ट वर्ग चूर्ण 25 ग्राम 
शहद 300 ग्राम 
सभी सामग्री को मिक्स कर रखे | 5 से 10 ग्राम मात्र में शुबह शाम चाट कर एक ग्लास दूध पि लेवे |
नियमित लेने से नया खून बनता है है शरीरी (स्ट्रोंग ) मजबूत हो जाता है |

एनीमिया/रक्ताल्पता/खून की कमी दूर करने:

केला 
केले से मिलने वाला प्रोटीन, आयरन, और खनिज आपके शरीर में खून को बढ़ाते हैं। इसलिए दूध के साथ हर सुबह केले का सेवन करें। केले के सेवन से आप दूसरे रोगों जैसे अल्सर, गुर्दे की बीमारी, पेचिश, और आंखों की समस्या से भी निजात पा सकते हो।

पालक
पालक को आयुर्वेद में और आधुनिक चिकित्सा में खून को बढ़ाने वाला आहार कहा गया है। यदि आप कुछ दिनों तक पालक के रस का सेवन करते हैं तो आप में खून की कमी नहीं रहेगी। यह हीमोग्लोबिन को बढ़ाता है क्योकि इसमें आयरन काफी मात्रा में होता है। किसी भी बीमारी से यदि शरीर में खून की कमी होती है तो पालक की पत्तियों को अच्छे से पानी में धोकर उनका जूसर से जूस निकाल कर सुबह और शाम डेली(daily) पीएं।
मेथी
खून की कमी को दूर करने के लिए मेथी का नियमित सेवन करें। यह खून को साफ भी करती है साथ ही सेहत के लिए तो बेहद ही फायदेमंद है। आयरन की अधिकता की वजह से यह आपके शरीर में हीमोग्लोबीन को ठीक रखती है। पुरूषों को मेथी का साक खाना चाहिए साथ ही मेथी दाने का प्रयोग भी कर सकते हो।

चुकंदर
जिन पुरूषों को खून की समस्या होती है वे चुकंदर के रस को गाजर के रस में मिलाकर पीएं। सलाद या सब्जी के रूप में आप चुकंदर का सेवन करें। शरीर में खून को बढ़ाने के साथ चुकंदर पेट की गैस की परेशानी को दूर करता है। पुरूषों की त्वचा को जंवा बनाएं रखने में चुकंदर बेहद अहम होता है।

गन्ना
गन्ने का जूस पीने से खून साफ होता है। खून की कमी को दूर करने के लिए गन्ने का ताजा जूस का सेवन करना चाहिए।

बादाम सेवन
बादाम में मैजूद विटामिन और आयरन शरीर में कॉपर (Copper) बनाता है जो खून में मौजूद कणों की कमी को दूर करके उन्हें साफ करता है। इसलिए पुरूषों को बादाम का सेवन अधिक से अधिक करना चाहिए।

टमाटर
टमाटर बीमारियों से लड़ने में शरीर की प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाता है। टमाटर सेवन से कभी भी खून की कमी नहीं रहती है। टमाटर का सूप या टमाटर खाने से खून की मात्रा शरीर में बढ़ती है। टमाटर में आयरन की मात्रा अधिक रहती है। इसलिए आप टमाटर का सेवन करना न भूलें। सलाद या फिर खाने में टमाटर को जरूर उपयोग में लाएं।
आंवला
शरीर में खून की मात्रा को बढ़ाने में आंवला एक कारगर फल है। विटामिन सी होने की वजह से यह आपकी सेहत को कभी खराब नहीं होने देता है। आप कच्चे आंवले का सेवन भी कर सकते हो, या आंवले का मुरब्बा, आंवले का चूर्ण आदि का प्रयोग भी आप कर सकते हो।

खजूर
पुरूषों में खून की कमी को दूर करने में खजूर फायदेमंद होता है। खजूर को दूध में डालकर उसे बारीकी से चबाकर सेवन करना चाहिए इससे आपका शरीर स्वस्थ और निरोग भी रहेगा।

गाजर
गाजर का प्रयोग आप सलाद या गाजर की सब्जी के रूप में कर सकते हो। आयरन की मात्रा गाजर में सबसे ज्यादा होती है। गाजर शीध्र ही शरीर में खून की मात्रा को बढ़ाने का काम करता है। आप गाजर का हलवा बनाकर भी सेवन कर सकते हो।

सेहत के प्रति पुरूषों को ध्यान जरूर देना चाहिए क्योंकि आप के कंधों पर सारी जिम्मेदारी टिकी हुई है। शरीर में खून की कमी को दूर करने के लिए आप अपने भोजन में इन घरेलू चीजों को शामिल करें ताकि आपकी सेहत और सौंदर्य ठीक रहें।

धूप सेंकने के फायदे | 10 Healthy Benefits of the Sun Energy | 7 Little-Known Benefits of Sunlight

10 कारण कि हम करें सूर्य से प्‍यार:

धूप हमें प्रकाश ही नहीं देता है बल्कि इससे हमारे स्‍वास्थ्‍य को कई तरह के फायदे भी होते हैं। 

___अथर्ववेद में कहा गया है कि सूर्योदय के समय सूर्य की लाल किरणों के प्रकाश में खुले शरीर बैठने से हृदय रोगों तथा पीलिया के रोग में लाभ होता है| प्राकृतिक चिकित्सा में आन्तरिक रोगों को ठीक करने के लिए भी नंगे बदन सूर्य स्नान कराया जाता है |

15 REASONS WHY THE SUN IS GOOD FOR YOU:


___आजकल जो बच्चे पैदा होते ही पीलिया रोग के शिकार हो जाते हैं उन्हें सूर्योदय के समय सूर्य किरणों में लिटाया जाता है जिससे अल्ट्रा वायलेट किरणों के सम्पर्क में आने से उनके शरीर के पिगमेन्ट सेल्स पर रासायनिक प्रतिक्रिया प्रारम्भ हो जाती है और बीमारी में लाभ होता है|
___सूर्य से निकलने वाली रोशनी में विटामिन डी होता है जिसकी कमी से शरीर में मेटाबोलिक हड्डियों की बीमारी हो जाती है जो युवाओं में होने वाली गंभीर बीमारी है। यह हमारे शरीर में विटामिन डी की कमी को पूरा करता है। सूर्य के प्रकाश के लाभ सिर्फ विटामिन डी तक ही सीमित नहीं है बल्कि इसके कई अन्‍य लाभ भी होते हैं और कई दूसरी बीमारियों से भी बचाव होता है।

10 कारण कि हम करें सूर्य से प्‍यार

10 Reasons To Love The Sun in Hindi:

___अच्‍छी नींद आती है
धूप सेंककर आप रात में अच्‍छी नींद ले सकते हैं। दरअसल सूर्य की रोशनी में बैठने से शरीर में मेलाटो‍निन नाम का हार्मोन विकसित होता है जिससे रात में अच्‍छी नींद आती है। इस तरह अनिद्रा की बीमारी भी इससे दूर जाती है। यानी रात में बेहतर नींद के लिए सूर्य से प्‍यार कीजिए।
___वजन घटायें
वजन घटाने के लिए आप कई तरीके आजमाते और बहुत मेहनत भी करते हैं। लेकिन आप यह जानकर हैरान न हों कि वजन कम करने में सूर्य आपकी सहायता कर सकते हैं। दिन में धूप में बैठने से आपको वजन घटाने में सहायता मिल सकती है। एक शोध के मुताबिक यह बात सामने आई है कि सूर्य के प्रकाश और बीएमआई के बीच एक अच्‍छा सम्‍बंध होता है।
____ठंड दूर भगाये
अगर आप सर्दी से के मौसम में ठंड से कांप रहे हैं तो सूर्य की रोशनी में जाइये जनाब, यह एक प्राकृतिक अलाव है जो ठंड दूर करेगा और आपको बीमारियों से भी बचायेगा।
____हड्डियां मजबूत बनायें
हड्डियों को सही तरीके से पोषण न मिलने से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और उम्र बढ़ने के साथ हड्डियों से संबंधित बीमारियां जैसे - गठिया, गाउट आदि होने की संभावना बढ़ जाती है। जबकि सूर्य की रोशनी में बैठने से हड्डियां मजबूत होती हैं क्‍योंकि इसमें विटामिन डी होता है।
____इम्‍यून सिस्‍टम को मजबूत बनाये
इम्‍यून सिस्‍टम अगर कमजोर हो जाये तो पेट संबंधित कई तरह के रोग हो जाते हैं, इसलिए इसे मजबूत बनाये रखना जरूरी है। धूप से शरीर का इम्‍यून सिस्‍टम मजबूत हो जाता है। सूर्य से निकलने वाली अल्‍ट्रावॉयलेट किरणें इम्‍यून सिस्‍टम की हाईपरएक्टिविटी को नकारती हैं और सोराईसिस जैसी बीमारियों से बचाव करती हैं।
____उम्र बढ़ती है
अगर आपकी चाहत लंबी उम्र पाने की है तो नियमित रूप से धूप से स्‍नान कीजिए। क्‍योंकि यह खून जमने, डायबिटीज एवं ट्यूमर को ठीक करता है, प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाता है एवं पैरों में खून जमने का खतरा बिल्कुल नहीं रहता। ठंडे क्षेत्र में शीतकाल में यह खतरा ज्यादा रहता है। यह डायबिटीज जैसी बीमारी से भी बचाव करता है और अन्‍य बीमारियों से बचाता है। अगर ये सारी समस्‍यायें न हों तो उम्र बढ़ेगी ही।
____बांझपन दूर करे
यदि पुरुष बांझपन के शिकार हैं तो उनके लिए सूर्य धूप रामबाण दवा की तरह है। धूप सेंकने से शुक्राणुओं की गुणवत्ता में सुधार आता है। खून में सूर्य धूप से मिले विटामिन डी के बढ़ने के कारण ऐसा होता है। इसके अलावा यह वियाग्रा दवा की भांति भी काम करता है। यह टेस्टोस्टोरेन हार्मोन के स्राव को भी बढ़ाता है।
____दिमाग को स्‍वस्‍थ रखे
सूर्य से निकलने वाले प्रकाश में मौजूद विटामिन डी से दिमाग स्वस्थ रहता है। विटामिन डी भविष्‍य में होने वाली बीमारी सीजोफ्रेनिया (पागलपन की बीमारी) के खतरे को कम करता है। यह दिमाग को स्वस्थ रखता है और इसके संतुलित विकास में सहायता प्रदान करता है। गर्भवती महिला के धूप सेंकने से यह लाभ बच्‍चे को भी मिलता है।
____दिल के रोगों से बचाये
सूर्य से मिलने वाले विटामिन डी से हड्डियां और मांसपेशियां मजबूत होती है और कैंसर का खतरा कम होता है। यह मेटाबॉलिज्‍म को सुधारता है जिससे मधुमेह एवं हृदय रोग काबू में रहते हैं। धूप दिल की बीमारियों को रोकने में मददगार होता है।
____सूर्य की किरणें मनुष्य के रक्तचाप को कम करने में सहायता प्रदान करती हैं जिससे दिल के दौरे का ख़तरा बहुत सीमा तक कम हो जाता है।
____जहां सूर्य की किरणें पहुंचती हैं, वहां रोग के कीटाणु स्वत: मर जाते हैं और रोगों का जन्म ही नहीं हो पाता| सूर्य अपनी किरणों द्वारा अनेक प्रकार के आवश्यक तत्वों की वर्षा करता है और उन तत्वों को शरीर में ग्रहण करने से असाध्य रोग भी दूर हो जाते हैं|
____शरीर को कुछ ही क्षणों में झुलसा देने वाली गर्मियों की प्रचंड धूप से भले ही व्यक्ति स्वस्थ होने की बजाय उल्टे बीमार पड जाए लेकिन प्राचीन ग्रंथ अथर्ववेद में सबेरे धूप स्नान हृदय को स्वस्थ रखने का कारगर तरीका बताया गया है| उसमें कहा गया है कि जो व्यक्ति सूर्योदय के समय सूर्य की लाल रश्मियों का सेवन करता है उसे हृदय रोग कभी नहीं होता|

Wednesday 16 September 2015

सिर दर्द से निजात पाने के 10 घरेलू उपाय, सर दर्द से राहत पाने का बेहतरीन आयुर्वेदिक उपाय, 10 domestic remedy to get rid of headaches

सिर दर्द से निजात पाने के 10 घरेलू उपाय:

1 . तेज़ पत्ती की काली चाय में निम्बू का रस निचोड़ कर पीने से सर दर्द में अत्यधिक लाभ होता है .
2 . नारियल पानी में या चावल धुले पानी में सौंठ पावडर का लेप बनाकर उसे सर पर लेप करने भी सर दर्द में आराम पहुंचेगा .
3 . सफ़ेद चन्दन पावडर को चावल धुले पानी में घिसकर उसका लेप लगाने से भी फायेदा होगा .
4 . सफ़ेद सूती का कपडा पानी में भिगोकर माथे पर रखने से भी आराम मिलता है .
5 . लहसुन पानी में पीसकर उसका लेप भी सर दर्द में आरामदायक होता है .
6 . लाल तुलसी के पत्तों को कुचल कर उसका रस दिन में माथे पर 2, 3 बार लगाने से भी दर्द में राहत देगा .
7 . चावल धुले पानी में जायेफल घिसकर उसका लेप लगाने से भी सर दर्द में आराम देगा .
8 . हरा धनिया कुचलकर उसका लेप लगाने से भी बहुत आराम मिलेगा .
9 . सफ़ेद सूती कपडे को सिरके में भिगोकर माथे पर रखने से भी दर्द में राहत मिलेगी

डेंगू का उपचार, डेंगू का रामबाण इलाज- गिलोय, मलेरिया और डेंगू भगाने के घरेलू उपचार

बाबा रामदेव ने बताया डेंगू का इलाज:

आजकल डेंगू एक बड़ी समस्या के तौर पर उभरा है, पुरे भारत में ये बड़ी तेजी से बढ़ता ही जा रहा है जिससे कई लोगों की जान जा रही है l
यह एक ऐसा वायरल रोग है जिसका माडर्न मेडिकल चिकित्सा पद्धति में कोई इलाज नहीं है परन्तु आयुर्वेद में इसका इलाज है और वो इतना सरल और सस्ता है कि उसे कोई भी कर सकता है l
तीव्र ज्वर, सर में तेज़ दर्द, आँखों के पीछे दर्द होना, उल्टियाँ लगना, त्वचा का सुखना तथा खून के प्लेटलेट की मात्रा का तेज़ी से कम होना डेंगू के कुछ लक्षण हैं जिनका यदि समय रहते इलाज न किया जाए तो रोगी की मृत्यु भी सकती है l
यदि आपके आस-पास किसी को यह रोग हुआ हो और खून में प्लेटलेट की संख्या कम होती जा रही हो तो चित्र में दिखाई गयी चार चीज़ें रोगी को दें :
१) अनार जूस
२) गेहूं घास रस
३) पपीते के पत्तों का रस
४) गिलोय/अमृता/अमरबेल सत्व
अनार जूस तथा गेहूं घास रस नया खून बनाने तथा रोगी की रोग से लड़ने की शक्ति प्रदान करने के लिए है, अनार जूस आसानी से उपलब्ध है यदि गेहूं घास रस ना मिले तो रोगी को सेब का रस भी दिया जा सकता है l
- पपीते के पत्तों का रस सबसे महत्वपूर्ण है, पपीते का पेड़ आसानी से मिल जाता है उसकी ताज़ी पत्तियों का रस निकाल कर मरीज़ को दिन में २ से ३ बार दें , एक दिन की खुराक के बाद ही प्लेटलेट की संख्या बढ़ने लगेगी l
- गिलोय की बेल का सत्व मरीज़ को दिन में २-३ बार दें, इससे खून में प्लेटलेट की संख्या बढती है, रोग से लड़ने की शक्ति बढती है तथा कई रोगों का नाश होता है l यदि गिलोय की बेल आपको ना मिले तो किसी भी नजदीकी पतंजली चिकित्सालय में जाकर "गिलोय घनवटी" ले आयें जिसकी एक एक गोली रोगी को दिन में 3 बार दें l

यदि बुखार १ दिन से ज्यादा रहे तो खून की जांच अवश्य करवा लें l
यदि रोगी बार बार उलटी करे तो सेब के रस में थोडा नीम्बू मिला कर रोगी को दें, उल्टियाँ बंद हो जाएंगी l
ये रोगी को अंग्रेजी दवाइयां दी जा रही है तब भी यह चीज़ें रोगी को बिना किसी डर के दी जा सकती हैं l
डेंगू जितना जल्दी पकड़ में आये उतना जल्दी उपचार आसान हो जाता है और रोग जल्दी ख़त्म होता है l
मै आपसे हाथ जोड़ कर प्रार्थना करता हूँ कि कृपया इसे जितना संभव हो शेयर करें