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Saturday 12 September 2015

कब्ज रोग का प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार, कब्ज की प्राकृतिक चिकित्सा, Naturopathy treatment of constipation disease

घरेलू नुस्खे सरल उपचार, कब्ज की प्राकृतिक चिकित्सा:

कब्ज रोग का उपचार करने के लिए कभी भी दस्त लाने वाली औषधि का सेवन नहीं करना चाहिए बल्कि कब्ज रोग होने के कारणों को दूर करना चाहिए और फिर प्राकृतिक चिकित्सा से इसका उपचार कराना चाहिए।

कब्ज के रोग को ठीक करने के लिए चोकर सहित आटे की रोटी तथा हरी पत्तेदार सब्जियां चबा-चबाकर खानी चाहिए। अधिक से अधिक बिना पका हुआ भोजन करना चाहिए। अंकुरित अन्न का अधिक सेवन करने से रोगी व्यक्ति को बहुत लाभ मिलता है।
रोगी व्यक्ति को अधिक से अधिक फलों का सेवन करना चाहिए ये फल इस प्रकार हैं- पपीता, संतरा, खजूर, नारियल, अमरूद, अंगूर, सेब, खीरा, गाजर, चुकन्दर, बेल, अखरोट, अंजीर आदि।
नींबू पानी, नारियल पानी, फल तथा सब्जियों का रस पीने से कब्ज से पीड़ित रोगी को बहुत फायदा मिलता है।

गेहूं का रस अधिक मात्रा में पीने से कब्ज से पीड़ित रोगी का रोग बहुत जल्दी ठीक हो जाता है।
कच्चे पालक का रस प्रतिदिन सुबह तथा शाम पीने से कब्ज रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है। इस प्रकार से उपचार करने से कब्ज रोग पूरी तरह से ठीक हो सकता है।
रोगी व्यक्ति को रात के समय में 25 ग्राम किशमिश को पानी में भिगोने के लिए रख देना चाहिए। रोजाना सुबह के समय इस किशमिश को खाने से पुराने से पुराना कब्ज रोग ठीक हो जाता है।
कब्ज से पीड़ित रोगी को सुबह तथा शाम 10-12 मुनक्का खाने से बहुत लाभ होता है।
नींबू का रस गर्म पानी में मिलाकर रात के समय पीने से शौच साफ आती है।
कब्ज के रोग को ठीक करने के लिए त्रिफला चूर्ण को प्रतिदिन सेवन करना चाहिए।
रोगी व्यक्ति को सुबह के समय में उठते ही 2-4 गिलास पानी पीना चाहिए और उसके बाद शौच के लिए जाना चाहिए।
कब्ज का उपचार करने के लिए रोगी व्यक्ति को अपने पेट पर 20 से 25 मिनट तक मिट्टी की या कपड़े की पट्टी करनी चाहिए। यह क्रिया प्रतिदिन करने से यह रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है। इसके बाद रोगी व्यक्ति को कटिस्नान करना चाहिए तथा एनिमा क्रिया करके अपने पेट को साफ करना चाहिए।
कब्ज से पीड़ित रोगी को सुबह के समय में खुली हवा में प्रतिदिन सैर के लिए जाना चाहिए।
कब्ज रोग से पीड़ित रोगी को शाम के समय में हरे रंग की बोतल का सूर्यतप्त पानी पीना चाहिए। जिसके फलस्वरूप कब्ज रोग को ठीक होने में मदद मिलती है। इसके बाद ईसबगोल की भूसी ली जा सकती है। लेकिन इसमें कोई खाद्य पदार्थ नहीं होना चाहिए।
रोगी व्यक्ति को मैदा, बेसन, तली-भुनी तथा मिर्च मसालेदार चीजों आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।
कब्ज रोग से पीड़ित रोगी को भोजन करने के बाद लगभग 5 मिनट तक वज्रासन करना चाहिए। यदि सुबह के समय में उठते ही वज्रासन करे तो शौच जल्दी आ जाती है।
कब्ज रोग को ठीक करने के लिए पानी पीकर कई प्रकार के आसन करने से कब्ज रोग ठीक हो जाता है- सर्पासन, कटि-चक्रासन, उर्ध्वहस्तोत्तोनासन, उदराकर्षासन तथा पादहस्तासन आदि।
यदि किसी व्यक्ति को बहुत समय से कब्ज हो तो उसे सुबह तथा शाम को कटिस्नान करना चाहिए और सोते समय पेट पर गर्म सिंकाई करनी चाहिए और प्रतिदिन कम से कम 6 गिलास पानी पीना चाहिए।
कब्ज रोग से पीड़ित रोगी को 1 चम्मच आंवले की चटनी गुनगुने दूध में मिलाकर लेने तथा रात को सोते समय एक गिलास गुनगुना पानी पीने से बहुत अधिक लाभ मिलता है।
कब्ज रोग से पीड़ित रोगी को रात के समय में तांबे के बर्तन में पानी को रखकर सुबह के समय में पीने से शौच खुलकर आती है और कब्ज नहीं बनती है।
कब्ज रोग से पीड़ित रोगी को प्रतिदिन सुबह के समय में 2 सेब दांतों से काटकर छिलके समेत चबा-चबाकर खाना चाहिए। इससे रोगी का रोग जल्दी ही ठीक हो जाता है।
सप्ताह में 1 बार गर्म दूध में 1 चम्मच एरण्डी का तेल मिलाकर पीने से कब्ज का रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।
कब्ज रोग से बचने के लिए जब व्यक्ति को भूख लगे तभी खाना खाना चाहिए।
कब्ज रोग से पीड़ित रोगी को अपने पेडू पर ठंडे पानी में भिगोया तौलिया कम से कम 8 मिनट तक रखना चाहिए जिसके फलस्वरूप कब्ज रोग जल्दी ठीक हो जाता है।

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